करीबन 500 किमी की बिलासपुर-मनाली-लेह की दूरी तय कर, हिमालय की चोटियों से निकलते हुए यह रेल लाइन दुनिया के सबसे ऊंचे इलाकों से होकर गुजरेगी
नई दिल्ली। दुनिया के सबसे ऊंचे इलाके में शुमार लद्दाख के लिए मनाली होते हुए बिलासपुर तक रेलवे लाइन से जोडऩे के काम को तेजी के साथ आगे बढ़ाने को रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने हरी झंडी दे दी है। इस खास परियोजना के लिए भारतीय रेलवे ने लद्दाख ऑटोनामस हिल डेवलपमेंट काउंसिल (LAHDC) से जमीन का आवंटन करने की मांग की है, ताकि लेह में कैंप कार्यालय बनाया जा सके।
करीब 50,000 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान
बिलासपुर मनाली लेह रेलवे लाइन बिछाने की इस योजना के अंतिम स्थान सर्वेक्षण को लेकर लेह में उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक एके पूठिया ने स्थानीय सांसद थुपस्तन छेवांग और एलएएचडीसी के अधिकारियों से मुलाकात की। इस योजना के अंतर्गत करीबन 500 किलोमीटर की बिलासपुर से मनाली और फिर लेह की दूरी तय कर, हिमालय की चोटियों से निकलते हुए यह रेलवे लाइन दुनिया के सबसे ऊंचे इलाकों से होकर गुजरेगी। इस योजना पर करीब 50,000 करोड़ रुपए का खर्च होने का अनुमान है।
तेजी से काम के लिए लेह में जमीन चाहती है रेलवे
बिलासपुर-मनाली-लेह नई रेल लाइन के सर्वेक्षण का काम तेजी से कराने के लिए रेलवे ने LAHDC से जमीन मांगी है ताकि लेह में कैप कार्यालय बनाया जा सके। सरकार तिब्बत के सटे क्षेत्रों में रेल का सघन जाल बिछाना चाहती है। उत्तरी रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमने एलएएचडीसी के अध्यक्ष से लेह से कैप कार्यालय बनाने के लिए जमीन देने का अनुरोध किया है।
रक्षा मंत्रालय भी प्रोजेक्ट के जल्द शुरू किए जाने के पक्ष में
मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक बिलासपुर-मनाली-लेह रेलवे लाइन, लेह-लद्दाख को कनेक्टिविटी देने के इरादे से रक्षा मंत्रालय भी इस प्रोजेक्ट के जल्द से जल्द शुरू किए जाने के पक्ष में है।