पणजी। गोवा में चल रहे BRICS सम्मेलन में भारत ने ब्राजील, रूस, चीन, साउथ अफ्रीका के राष्ट्राध्यक्षों के साथ हुई बैठक में PM मोदी ने पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद का मुद्दा जोरशोर से उठाया। उन्होंने पाक का नाम लिए बिना पूरी दुनिया को इससे कड़ाई से निपटने का आव्हान किया।
ब्रिक्स सम्मेलन में रविवार को हुई रिस्ट्रिक्टेड मीटिंग में पीएम मोदी ने सभी देशों के प्रमुखों का स्वागत करते हुए कहा कि आतंकवाद के बढ़ते दायरे ने मिडल ईस्ट, वेस्ट एशिया, यूरोप और साउथ एशिया के लिए खतरा पैदा कर दिया है। हमारी आर्थिक समृद्धि के लिए सबसे बड़ा खतरा आतंकवाद है। दुर्भाग्य की बात यह है कि इसकी ‘मदरशिप’ एक ऐसा देश है जो भारत के पड़ोस में है। पूरी दुनिया के टेरर मॉड्यूल के लिंक इस देश से जुड़े हैं। यह देश न केवल आतंकियों को पनाह देता है बल्कि ऐसी सोच को पोषित भी करता है। उसकी सोच है कि राजनीतिक फायदे के लिए आतंकवाद के इस्तेमाल में बुराई नहीं। इस सोच की हम निंदा करते हैं। ब्रिक्स देशों को आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से खड़े होने चाहिए और कार्रवाई भी करनी चाहिए।’
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि ब्रिक्स देशों को सीसीआईटी ( Comprehensive Convention on International Terrorism) को जल्द से जल्द स्वीकार कर लेना चाहिए, जिससे आतंकवाद के खिलाफ आपसी सहयोग को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि BRICS शांति, बदलाव और उद्देश्यपूर्ण गतिविधि की दिशा में आवाज है। ब्रिक्स को साझीदार देशों को साझे हितों और उद्देश्यों को पूरा करने की दिशा में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।
गौरतलब है कि भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ पूरे विश्व में अभियान छेड़ा हुआ है। इस मुद्दे पर अन्य देश जहां भारत के साथ है वहीं चीन प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तान को समर्थन देता रहा है। रूस ने भी हाल ही में पाकिस्तान के साथ सैन्य अभ्यास किया था। हालांकि भारत ने इस पर आपत्ति जताई थी।
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