नई दिल्ली। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया भारतीय सीमा सुरक्षा बल के हवलदार अब्दुल रशीद को हर महीने एक लाख रुपए की सैलरी दी जाती थी। इतना ही नहीं इस जासूस की नजर झांसी के हथियार डिपो पर भी थी। जांच में सामने आया है कि आईएसआई को झांसी में सेना की 31 आर्मड डिविजन के हथियार डिपो के कुछ कागजात भी मिल गए हैं।
वहीं क्राइम ब्रांच के संयुक्त पुलिस आयुक्त रवींद्र यादव ने बताया कि रशीद को दिल्ली की अदालत में पेश करके रिमांड पर लिया जाएगा। शुरुआती पूछताछ में पता चला है कि रशीद वर्ष 2013 से सेना से जुड़ी गोपनीय सूचनाएं आईएसआई तक पहुंचा रहा था, इससे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह सामने आ रही है कि बीएसएफ और सेना में और भी जासूस हो सकते हैं। सेना और पुलिस उनका पता लगाने में जुटी है। यादव के अनुसार रशीद से पूछताछ में और महत्वपूर्ण जानकारियां मिलने की संभावना है।
सूत्रों के अनुसार ऐसी आशंका है कि रशीद ने सीमा पर सेना और बीएसएफ के बीच सूचनाओं के आदान-प्रदान से जुड़ी कई गोपनीय जानकारी आईएसआई तक पहुंचाई हैं। जम्मू में रहने वाला आईएसआई एजेंट कैफईतुल्लाह खान उर्फ मास्टर राजा (44) उसका ममेरा भाई है। दोनों मिलकर साल 2013 से गोपनीय सूचनाएं लीक कर रहे थे। आशंका है कि रशीद के साथ सेना के कुछ और जवान भी इस जासूसी कांड का हिस्सा हो सकते हैं। खान को पुलिस ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया, जबकि रशीद को रविवार को जम्मू से गिरफ्तार किया।
रशीद राजौरी जिले में बीएसएफ के गुप्तचर विभाग में तैनात था। मास्टर राजा पाकिस्तानी गुप्तचर विभाग का एजेंट है, जबकि रशीद उसका अहम सूत्र था। दोनों उस जासूसी रैकेट का हिस्सा थे, जिसे पाकिस्तान की आईएसआई मदद करती है। दोनों को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं और सरकारी गोपनीयता अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया है। इनके पास से कथित तौर पर राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों से जुड़े दस्तावेज मिले हैं। दिल्ली पुलिस ने राजा को पहले से सात दिन के पुलिस रिमांड पर लिया हुआ है। अब उसे रशीद के सामने रखकर पूछताछ की जाएगी।
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