BSF वीरता पुरस्कार के लिए शहीद गुरनाम के नाम की करेगा सिफारिश
Published: Oct 24, 2016 11:42:00 am
26 वर्षीय गुरनाम ने शनिवार देर रात जम्मू के सरकारी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में अंतिम सांस ली थी
जम्मू। जम्मू-कश्मीर के कठुआ सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा से घुसपैठ की बड़ी कोशिश को नाकाम करने के दौरान शहीद हुए जवान गुरनाम सिंह को वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया जा सकता है। सर्वोच्च वीरता पुरस्कार के लिए बीएसएफ शहीद गुरनाम सिंह के नाम की सिफारिश करेगा। 26 वर्षीय गुरनाम ने शनिवार देर रात जम्मू के सरकारी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में दम तोड़ दिया था।
बीएसएफ के पश्चिमी कमांड के अतिरिक्त महानिदेशक अरुण कुमार से जब पूछा गया कि सर्वोच्च वीरता पुरस्कार के लिए क्या गुरनाम का नाम भेजा जाएगा, तो उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर उनके नाम की सिफारिश की जाएगी। अशोक चक्र शांतिकाल का सर्वोच्च वीरता पुरस्कार है। कुमार ने कहा – भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों की घुसपैठ की कोशिश को नाकाम करने में गुरनाम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। अगले दिन उन्हें निशाना बनाया गया। उनके इस बलिदान पर न केवल बीएसएफ बल्कि पूरे देश को गर्व है।
कैसे जख्मी हुए थे गुरनाम ?
19-20 अक्टूबर की रात जम्मू के हीरानगर सेक्टर के बोबिया पोस्ट पर गुरनाम तैनात थे। रात में उन्होंने सरहद पर हलचल देखी। करीब 150 मीटर दूर कुछ धुंधले चेहरे नजर आए। उन्होंने बिना देर किए साथियों को अलर्ट किया और ललकारने पर पता चला कि वह आतंकी हैं। इसके बाद दोनों तरफ से फायरिंग हुई। आतंकी वापस भाग खड़े हुए। रिपोर्ट्स के मुताबिक 21 अक्टूबर को सुबह पाकिस्तानी रेंजर्स ने स्नाइपर रायफल्स से गुरनाम पर फायर किया। सिर में गोली लगने से वे जख्मी हो गए थे।