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ALERT: 2005 से 2015 के बीच 33 प्रतिशत बढ़े कैंसर के मामले

Published: Dec 05, 2016 02:58:00 pm

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अमरीकी शोधकर्ताओं ने इस बात को लेकर खुलासा किया है कि 2005 से लेकर 2015 के बीच कैंसर के मामले 33 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं।

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नई दिल्ली। अमरीकी शोधकर्ताओं ने इस बात को लेकर खुलासा किया है कि 2005 से लेकर 2015 के बीच कैंसर के मामले 33 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं।
2005 से 2015 के बीच कैंसर के आंकडें

– ग्लोबल बर्डन ऑफ डिसीस कैंसर कॉलोब्रेशन की ओर से छापी गई रिपोर्ट के अनुसार 2015 में कैंसर के 17.5 मिलियन मामले दर्ज हुए हैं।
-2015 में कैंसर की वजह 8.7 मिलियन लोगों की मौत हुई।
– 1.6 मिलियन पुरुषों में प्रोस्टेट कैं सर की समस्या देखी गई।
– फेंफडों का कैंसर पुरुषों में सबसे ज्यादा मौत का कारण बना।
– 2.4 मिलियन महिलाओं में स्तन का कैंसर देखा गया। स्तन कैंसर की वजह से सबसे ज्यादा महिलाओं की मौत होती है।
– बच्चों में सबसे आम ल्यूकेमिया यानि ब्लड कैंसर है।
गुजरात में 7 प्रतिशत तक बढ़ा ओरल कैंसर

– 2013 में गुजरात में मुंह के कैंसर की वजह से 411 मौतें हुई हैं।
-वहीं 2014 में मुंह के कैंसर से मरने वालों की संख्या 442 हो गई।
-देशभर में मुंह के कैंसर से होने वाली मौतों में से करीब 9.5 प्रतिशत मौतें गुजरात में होती हैं।
-ओरल कैंसर के दर्ज हुए मामलों में गुजरात दूसरे नंबर पर है। पहले नंबर पर असम है।
– वर्ष 2011 की तुलना में वर्ष 2014 में कैंसर के मामले 7000 तक कम हुए। इस दौरान ओरल कैंसर से होने वाली मौतों में इजाफा हुआ।
-अहमदाबाद में एक लाख की जनसंख्या में करीब 17.1 प्रतिशत लोग मुंह के कैंसर से पीडि़त हैं।
-गुजरात में कैंसर से मरने वाले 16 प्रतिशत लोग पाचन अंगों के कैंसर की वजह से मारे गए।
-पाचन अंगों में कैंसर की वजह से 2011 में 666 लोगों की मौत हुई।
– 2014 में पाचन अंगों के कैंसर की वजह से 404 लोगों की मौत हुई। 2011 से 2014 तक इस कैंसर में 30 प्रतिशत की गिरावट आई।
– 2014 में जनांगों के कैंसर से गुजरात में 303 लोगों मौत हुई। इसमें से 205 महिलाएं थी।

2030 तक स्तन कैंसर के मामले बढ़कर 3.2 मिलियन तक हो जाएंगे

– 2030 तक स्तन कैंसर के मामले बढ़कर दोगुना यानि 3.2 मिलियन होने का अंदेशा है।
– सरवाइकल कैंसर 2030 तक 25 प्रतिशत ज्यादा बढ़ सकता है।
-अगर कैंसर की रोकथाम के लिए तुरंत एक्शन नहीं लिया गया तो 2030 तक सरवाइकल कैंसर के मामले 700,000 हो जाएंगे।
-भारत और चीन में सबसे ज्यादा महिलाएं स्तन कैंसर से पीडि़त हैं।
– दुनियाभर में हर साल करीब 800,000 महिलाओं की मौत ब्रेस्ट और सरवाइकल कैंसर की वजह से होती है।
– स्तन कैंसर का डायग्रोसिस होने के बाद पांच साल तक जीवित रहने का चांस साउथ अफ्रीका, मंगोलिया और भारत में 50 प्रतिशत तक है।
– वहीं 34 देशों में ये 80 प्रतिशत तक है। इसमें आस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, आयरलैंड, फ्रांस, जर्मनी और अमरीका जैसे देश शामिल है।
-अगले 4 सालों में दुनिया के सबसे गरीब देशों में सरवाइकल कैंसर के टीके से करीब 600,000 मौतों को रोका जा सकता है।
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