केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 20 करोड़ 80 लाख अमरीकी डॉलर के वर्ष 2008 में हुए एम्ब्रायर विमान सौदे में एफआईआर दर्ज करवाई है
नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 20 करोड़ 80 लाख अमरीकी डॉलर के वर्ष 2008 में हुए एम्ब्रायर विमान सौदे में एफआईआर दर्ज करवाई है। एफआईआर में प्रवासी भारतीय डिफेंस कन्सल्टेंट विपिन खन्ना को मुख्य अभियुक्त बनाया गया है। आरोप है कि विपिन खन्ना ने सौदा करवाने के लिए ब्राजील की कंपनी से लगभग 60 लाख डॉलर लिए।
केंद्र सरकार ने पिछले महीने ब्राजील की विमान निर्माता कंपनी एम्ब्रायर से पूर्ववर्ती यूपीए सरकार के कार्यकाल में हुए सौदे की जांच करने के लिए कहा था। इससे पहले रक्षा मंत्रालय ने दुनिया के तीसरे सबसे बड़े विमान निर्माता एम्ब्रायर से उन मीडिया रिपोट्र्स के बारे में स्पष्टीकरण मांगा था, जिनमें कहा गया था कि कंपनी ने यूके में बसे एक भारतीय बिचौलिये को यह सौदा करवाने के लिए काम पर रखा था। सौदे के तहत तीन विमान खरीदे जाने थे, जिनमें एयरबोर्न अर्ली वार्निंग तथा कंट्रोल सिस्टम के लिए स्वदेश-निर्मित रडार लगने थे। सौदे के तहत पहला विमान वर्ष 2011 में दिया गया था, और शेष दोनों 2013 में डिलीवर किए गए।
अमरीका में जांच से भारत तक पहुंची आंच
इस सौदे पर सवाल तब खड़े हुए, जब अमरीकी न्याय विभाग ने एम्ब्रायर के खिलाफ विभिन्न देशों में सौदे हासिल करने के लिए कथित रूप से रिश्वत देने की जांच शुरू की। यह जांच एम्ब्रायर तथा डोमिनिकन रिपब्लिक के बीच हुए एक सौदे में संदेह उत्पन्न होने के बाद शुरू की गई थी। बाद में जांच के दायरे में आठ अन्य देशों के साथ हुए व्यापारिक सौदे भी आ गए।
डीआरडीओ प्रमुख एस क्रिस्टोफर ने मंगलवार को रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर से मुलाकात कर उन्हें 20.8 करोड़ डॉलर के एम्ब्रेयर विमान सौदे के बारे में जानकारी दी। इस सौदे में रिश्वत दिए जाने का आरोप लगने के बाद यह सौदा विवादों में है। क्रिस्टोफर ने मंत्री के कार्यालय में उनसे मुलाकात की और उन्हें मामले की जानकारी दी। डीआरडीओ ने पहले ही ब्राजील की कंपनी एम्ब्रेयर से संपर्क कर मीडिया में आई रिश्वत संबंधी खबरों पर स्पष्टीकरण देने को कहा है। रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर ने इस हफ्ते की शुरुआत में कहा था कि अगर इसमें कोई आपराधिक पहलू है तो उसकी जांच सीबीआई करेगी।