नई दिल्ली। कावेरी जल बंटवारे के मुद्दे पर मचा घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। दोनो राज्य एक दूसरे को पीछे करने में लगे हुए हैं। कर्नाटक सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में अर्जी देने के बाद अब तमिलनाडु सरकार ने भी सर्वोच्च न्यायालय में अर्जी दाखिल की है। तमिलनाडु सरकार ने कहा है कि कर्नाटक सरकार की कोर्ट के आदेशों में बदलाव की अर्जी पर तबतक सुनवाई न की जाए जबतक की वह सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन न करे।
तमिलनाडु सरकार द्वारा दाखिल अर्जी में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश को कर्नाटक सरकार ने मानने से इनकार कर दिया है। पानी छोड़ने को लेकर वहां की सरकार आनाकानी कर रही है। कोई भी राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने से कैसे इनकार कर सकती है। ये राज्य का संवैधानिक दायित्व है। ऐसे में कर्नाटक सरकार की अर्जी पर सुनवाई न की जाए।
दरअसल कर्नाटक सरकार ने अर्जी दाखिल कर कोर्ट के उस आदेश में संशोधन की मांग की है जिसमें कोर्ट ने कर्नाटक सरकार को 6000 क्यूसेक पानी प्रतिदिन 27 सितंबर तक तमिलनाडु को देने का आदेश दिया था। कर्नाटक सरकार ने कहा है कि वह इस स्थिति में नहीं है कि वह तमिलनाडु को पानी दे सके।
कर्नाटक सरकार का कहना है कि कावेरी बेसिन में अब पानी नहीं बचा, बस पीने के लायक पानी बचा है। बता दें कि 20 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने 27 सितंबर तक तमिलनाडु को 6000 क्यूसेक पानी देने के आदेश दिए थे।