नई दिल्ली।
पीएम मोदी से सीधे
शिकायत करने वाले सरकारी अफसरों पर अब एक्शन लिया जा सकता है।
केंद्र सरकार की चेतावनी के मुताबिक अगर अफसरों ने किसी मामले में पीएम से सीधी शिकायत
की तो उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। यह नियम सेना और पैरामिलट्री के अफसरों पर भी
लागू होगा।
विभाग ने शिकायत करने के लिए कर्मचारियों को विशेष दिशा निर्देश
दिए हैं, जिनके अनुसार शिकायतकर्ता को सबसे पहले अपने वरिष्ठ अधिकारी को लिखित में
बताना होगा और यदि निपटारा नहीं होता हैं विभागीय अध्यक्ष के सामने अपनी बात रखनी
होगी, उसके बाद ही अन्य वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी के पास जाएं। सीधे-सीधे प्रशासनिक
अधिकारी से शिकायत को नियम का उल्लंघन माना जाएगा।
साथ ही सरकार ने अपने
मंत्रालयों और विभागों में कंसल्टेंट के तौर पर काम करने वालों के डिटेल्स भी इकटे
करने शुरू कर दिए हैं। ये वे लोग हैं, जो काम तो सरकारी करते हैं, लेकिन उन्हें
सैलरी बाहरी एजेंसियों से मिलती है। इन कंसल्टेंट्स के डिटेल्स की जांच कैबिनेट
सेक्रेट्री की अगुआई वाली तीन सदस्यीय कमेटी करेगी।
गौरतलब है कि यह कदम कुछ
मंत्रालयों से ऑफिशियल डॉक्यूमेंट्स लीक होने के बाद उठाया गया है। एक अंग्रेजी
अखबार के मुताबिक, सभी मंत्रालयों और विभागों को कंसल्टेंट्स से जुड़ा एक 24
प्वाइंट का क्वेश्चेनेयर (सवाल) भेजा गया है, जिसमें पूछा गया है कि आपको बाहरी मदद की
कारूरत क्यों पड़ी। डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनेल एंड ट्रेनिंग (डीओपीटी) ने 1957
के कानूनों का हवाला देते हुए याद दिलाया कि अपने बॉस को दरकिनार करके हायर अथॉरिटी
को लिखना गलत बर्ताव माना जाएगा। अधिकारी ईमेल्स या जनशिकायत पोर्टल्स के जरिए भी
पीएम से संपर्क नहीं कर सकेंगे।
डिपार्टमेंट के मुताबिक, यह आदेश सरकारी
कर्मचारियों के काफी वक्त से सीधे पीएम, सेक्रेट्री (पर्सनेल) और दूसरे हायर अथॉरिटीज
से सीधा संपर्क करने के बर्ताव के मद्देनजर दिया गया है। सरकारी आदेश के मुताबिक,
‘तयशुदा चैनल’ से इतर कम्युनिकेट करने को गंभीर मामला माना जाएगा और नियम तोड़ने
वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
इन विभागों में काम कर
रहे हैं कंसल्टेंट्सवुमन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट
ह्यूमन रिसोर्स
डेवलपमेंट
सोशल जस्टिस एंड एनपावरमेंट
मिनिस्ट्री ऑफ एनवायरोमेंट फॉरेस्ट एंड
क्लाइमेंट चेंज
एग्रीकल्चर एंड फार्मर वेल्फेयर
साइंस एंड टेक्नोलॉजी
रूरल
डेवलपमेंट
पंचायती राज
नीति अयोग