नई दिल्ली। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने मंगलवार को कहा कि सरकार मदरसों में भी मिड डे मिल (मध्याह्न भोजन) योजना शुरू करने पर विचार कर रही है। नकवी ने राज्य अल्पसंख्यक आयोगों के वार्षिक सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि अल्पसंख्यक मंत्रालय मदरसों के प्रतिनिधियों के साथ इस बारे में बातचीत कर रही है और उनकी सहमति के बाद मिड डे मील योजना को मदरसों में भी लागू किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि अल्पसंख्यकों को बेहतर पारंपरिक एवं आधुनिक शिक्षा मुहैय्या कराने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के 5 शिक्षण संस्थानों की स्थापना की जाएगी। एक उच्चस्तरीय समिति शिक्षण संस्थानों की रूपरेखा, स्थानों आदि के बारे में अपनी विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर रही है और कोशिश की जाएगी कि ये शिक्षण संस्थान 2018 से काम करना शुरू कर दें।
उन्होंने बताया कि इन शिक्षण संस्थानों में 40 प्रतिशत आरक्षण लड़कियों के लिए कि, जाने का प्रस्ताव है। इसके अलावा लड़कियों के लिए बेगम हजरत महल छात्रवृत्ति की शुरुआत और देश भर में गरीब नवाज कौशल विकास केन्द्र अल्पसंख्यकों के शैक्षिक सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
नकवी ने कहा कि हज की प्रक्रिया को डिजिटल बनाने, हज मोबाइल ऐप, कैशलेस चौपाल आदि की भी शुरुआत की गई है तथा लगभग 2 अरब 62 करोड़ की लागत से लगभग 200 सद्भाव मंडप और 16 गुरुकुल पद्धति के आवासीय स्कूलों को स्वीकृति दी गई है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय की अधिकांश योजनाएं-कार्यक्रम शत प्रतिशत डिजिटल हो चुके हैं जिसके चलते योजनाओं में पारदर्शिता बढ़ी है।
बच्चों ने मध्यान्ह भोजन की शिकायत की तो उन्हें ही फंसा दिया लकड़ी चोरी के मामले में
सूरजपुर. चांदनी-बिहारपुर क्षेत्र के दूरस्थ ग्राम बसनारा स्थित प्राथमिक शाला एवं पूर्व माध्यमिक शाला के निरीक्षण में गए जिला पंचायत सदस्य से जब बच्चों ने मध्यान्ह भोजन में गड़बड़ी और रेडी-टू-ईट की सप्लाई में अनियमितता की शिकायत की तो समूह संचालक ने वन विभाग के कर्मचारियों से मिलीभगत कर स्कूली बच्चों को ही लकड़ी चोरी के झूठे मामले में फंसा दिया।
इस साजिशपूर्ण कार्रवाई से आक्रोशित ग्रामीण अभिभवकों एवं बच्चों ने जिपं सदस्य से पुन: मुलाकात की। जिला पंचायत सदस्य ने इस पूरे घटनाक्रम से उच्चाधिकारियों को अवगत कराते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है।
ग्राम बसनारा के प्रेमसागर सिंह, दिग्विजय सिंह, परमेश्वर सिंह, सत्यनारायण, संतोष कुमार, बृजबिहारी, रामलल्लू, ललन सिंह, संतकुमार समेत अन्य ने मामले की लिखित शिकायत की है।
उन्होंने बताया कि 21 दिसम्बर को जब जिला पंचायत सदस्य विजय प्रताप सिंह बसनारा स्थित प्राथमिक शाला एवं पूर्व माध्यमिक शाला के निरीक्षण के लिए पहुंचे थे तो बच्चों और अभिभावकों द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्रों में मिलने वाली रेडी-टू-ईट सामग्री में अनियमितता और मध्यान्ह भोजन में गड़बड़ी की शिकायत की गई थी।
उन्होंने बताया कि मध्यान्ह भोजन की सप्लाई लक्ष्मी स्व सहायता समूह द्वारा की जाती है। शिकायत उपरांत जिला पंचायत सदस्य ने समूह संचालन रामकया बैस को व्यवस्था सुधारने की हिदायत देते हुए फटकार लगाई थी।
साजिश रचकर फंसाया झूठे केस में
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि मध्यान्ह भोजन में गड़बड़ी की शिकायत समूह संचालक को नागवार गुजरी। उसने वन विभाग के अधिकारी ललन सिंह एवं वनपाल अरूण सिंह के साथ मिलकर पहले तो जंगल की बेशकीमती वृक्षों को काट दिया फिर 15 स्कूली बच्चों के नाम से लकड़ी चोरी की झूठी रिपोर्ट दर्ज कर उनके नाम से 60 हजार रुपए का पीओआर जारी करा दिया।
ग्रामीणों के आरोप अनुसार मध्यान्ह भोजन में गड़बड़ी की शिकायत के बाद समूह संचालक ने प्रधान पाठक और स्कूल के बच्चों को धमकाते हुए झूठे मामले में फंसाने की धमकी दी थी।
घटनाक्रम की जानकारी दी उच्चाधिकारियों को
जिपं सदस्य विजय प्रताप सिंह ने बताया कि समूह संचालक द्वारा साजिश रचकर स्कूली बच्चों, अभिभावकों व प्रधान पाठक को लकड़ी चोरी के झूठे प्रकरण में फंसाने की कोशिश की गई है। वन विभाग के स्थानीय अधिकारी व कर्मचारी की इस साजिशपूर्ण कार्रवाई से उच्चाधिकारियों को अवगत कराते हुए मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की गई है।
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