पीओके शरणार्थियों के लिए 2 हजार करोड़ का पैकेज जारी करेगी सरकार
Published: Aug 28, 2016 07:13:00 pm
विस्थापित लोग लोकसभा चुनाव में तो मतदान कर सकते हैं, लेकिन जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में वे अपने मतों का इस्तेमाल नहीं कर सकते
नई दिल्ली। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और गिलगित-बाल्तिस्तान क्षेत्र के लोगों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए बयान के बाद केंद्र सरकार देशभर में रह रहे पीओके के विस्थापित लोगों के लिए दो हजार करोड़ के पैकेज की घोषणा कर सकती है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मंजूरी के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय पैकेज का विस्तृत ब्योरा कैबिनेट के सामने रख सकता है।
जम्मू-कश्मीर सरकार ऐसे 36 हजार 348 परिवारों की पहचान कर चुकी है जिन्हें पैकेज के तहत आर्थिक सहायता मुहैया करवाई जाएगी। प्रत्येक परिवार को करीब 5.5 लाख दिए जाएंगे। अधिकारी ने बताया कि हमें उम्मीद है कि राहत पैकेज पर कैबिनेट की ओर से एक महीने के अंदर मंजूरी मिल जाएगी। मंजूरी मिलने के बाद लाभार्थियों को पैसा बांट दिया जाएगा।
सभी शरणार्थी पश्चिमी पाकिस्तान के पीओके के रहने वाले हैं और ये जम्मू-कश्मीर के जम्मू, कठुआ और राजौरी जिलों के विभिन्न इलाकों में शरण लिए हुए हैं। हालांकि, प्रदेश के संविधान के तहत वे जम्मू-कश्मीर के स्थायी नागरिक नहीं हैं। कुछ परिवार आजादी के बाद हुए बटवारे के बाद यहां आकर रहने लगे थे, जबकि कुछ परिवार 1965 और 1971 की जंग के बाद से यहां रह रहे हैं।
विस्थापित लोग लोकसभा चुनाव में तो मतदान कर सकते हैं, लेकिन जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में वे अपने मतों का इस्तेमाल नहीं कर सकते। पीओके के विस्थापित लोगों का प्रतिनिधित्व कर रही जम्मू-कश्मीर शरणार्थी एक्शन समिति का मानना है कि पैकेज को अंतिम बंदोबस्त नहीं माना जाना चाहिए। समिति का मानना है कि सभी शरणार्थियों को बसाने के लिए 9 हजार 200 करोड़ रुपयों की जरूरत है।
उल्लेखनीय है कि इन शरणार्थियों को हो रही दिक्कतों को देखते हुए नरेंद्र मोदी सरकार ने पिछले साल जनवरी में इन लोगों को कुछ रियायते प्रदान की थी। केंद्रीय बलों में शामिल करना, राज्य सरकार में सरकारी नौकरियों में बराबर का अधिकार और उनके बच्चों को केंद्रीय विद्यालयों में दाखिला आदि जैसी रियायतें थीं जो इन्हें प्रदान की गई थी।