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चंद्रशेखर आजाद जयंती: जिन्होंने बताया आजादी का मतलब…आजाद जीया हूं, आजाद ही मरूंगा

Published: Jul 23, 2017 01:19:00 pm

Submitted by:

ghanendra singh

क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद का 111वां जन्मदिन आज मनाया जा रहा है। देश के सभी हिस्सों में बड़े स्तर पर कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी जा रही है।

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नई दिल्ली। क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद का 111वां जन्मदिन आज मनाया जा रहा है। देश के सभी हिस्सों में बड़े स्तर पर कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई हस्तियों ने टि्वटर पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। पीएम मोदी ने लिखा कि आजादी के लड़ाई में हम चंद्रशेखर आजाद के योगदान को याद करते हैं। उन्होंने बाल गंगाधर तिलक को भी याद करते हुए उनको श्रद्धांजलि दी। वहीं कांग्रेस ने भी ट्वीट कर चंद्रशेखर आजाद को श्रद्धांजलि दी।


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बचपन से अच्छे निशानेबाज थे आजाद
क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अप्रतिम व ऐतिहासिक योद्धा थे। उनका जन्म 23 जुलाई, 1906 को भाबरा गांव में हुआ था। उनके पूर्वज उन्नाव जिले के वासी थे। आजाद के पिता का नाम सीताराम तिवारी तथा माता का नाम जगरानी देवी था। उनका प्रारंभिक जीवन मध्य प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र स्थित भाबरा गांव में बीता था। उन्होंने निशानेबाजी बचपन में ही सीख ली थी। 

बचपन से ही आजादी दिलाने की थी तमन्ना
चंद्रशेखर आजाद का मन देश को आजाद कराने के अहिंसात्मक उपायों से हटकर सशस्त्र क्रांति की ओर मुड़ गया था। इसके लिए वह तत्कालीन बनारस आ गए और उस समय बनारस क्रांतिकारियों का गढ़ था। मन्मथ नाथ गुप्ता और प्रणवेश चटर्जी के साथ संपर्क में आने के बाद हिंदुस्तान प्रजातंत्र दल के सदस्य बन गए। उन्होंने अंग्रेजों की नाक में दम कर दिया था। आजाद कभी भी अंग्रेजों की गिरफ्त में नहीं आए। 
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