scriptसिंधु नदी समझौता तोड़ने में बाढ़ और चीन सबसे बड़ा डर  | China and flood biggest threat for india in sindhu river treaty | Patrika News

सिंधु नदी समझौता तोड़ने में बाढ़ और चीन सबसे बड़ा डर 

Published: Sep 23, 2016 03:43:00 pm

जानकार बोले, अगर एेसा किया तो भारत के सामने अाएंगी बड़ी दिक्कतें। 

Indus river, sindhu treaty

Indus river, sindhu treaty

नई दिल्ली. उरी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव से भारत ने पाकिस्तान पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। भारत ने साल 1960 में हुए सिंधु समझौते को तोड़ने के संकेत दिए हैं लेकिन ऐसा करना मोदी सरकार के लिए इतना भी आसान नहीं होगा। जानकारों का कहना है कि सिंधु नदी का पानी रोका जाता है तो भारत को जोखिम उठाना होगा। 

पानी रोकने से कई शहरों में बाढ़ अा जाएगी

पंजाब और जम्मू कश्मीर में बाढ़ का खतरा बढ़ जाएगा। दरअसल, इन नदियों के बीच पानी का समंदर है जिसे रोक पाना कोई आसान काम नहीं। इसके लिए भारत को बांध और कई नहरें बनानी होंगी, जिसके लिए बहुत पैसे और वक्त की ज़रूरत होगी। इससे विस्थापन की समस्या का समाना भी करना पड़ सकता है और इसके पर्यावरणीय प्रभाव भी होंगे। कश्मीर यूनवर्सिटी के प्रोफेसर शकील अहमद कहते हैं कि 90 फीसदी पाकिस्तान की प्यास इस नदी से बुझती है। अगर भारत ने इसे रोका तो भारत के हिस्से में पानी अधिक होगा। इससे बाढ़ का खतरा बढ़ जाएगा। 

जवाब में चीन अपनी नदियों का पानी रोक सकता है

जानकारों का कहना है कि क्या भारत इस जोखिम को उठाने के लिए तैयार है? ऐसे सवालों के जवाब खुद से पूछने होंगे। बता दें कि समझौते के तहत भारत केवल 20 फीसदी पानी ही रोक सकता है। उधर, इंस्टीट्यूट ऑफ डिफेंस स्टडीज के उत्तम सिन्हा कहते हैं कि ऐसा पहला बार नहीं है कि भारत ने सिंधु नदी के जरिये पाकिस्तान पर दबाव बनाने की कोशिश की हो। वो कहते हैं कि कारगिल युद्ध के दौरान भी इस तरह के संकेत दिए गए थे। उससे पाकिस्तान दबाव में आया था। इस बार भी दबाव बनाना चाहिए। चीन के हिस्से से भी भारत में कई नदियां आती हैं। चीन भी भारत पर कार्रवाई करते हुए भारत की ओर जाने वाली चीनी नदियों को रोक सकता है। यदि ऐसा होता तो भारत के सामने मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। 
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