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चीन तेजी से बन रहा ई-कचरे का कारखाना

Published: Jan 16, 2017 01:30:00 pm

यूनाइटेड नेशंस यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट ने इस संबंध में रिपोर्ट जारी की है। रिसाइकलिंग की प्रक्रिया अच्छी नहीं। टॉक्सिक की मात्रा बढ़ने से प्रदूषण बढ़ रहा।

E-waste in China

E-waste in China

बीजिंग. चीन तेजी से एशिया के ई-कचरे का कारखाना बनता जा रहा है। बीते पांच सालों में यहां से निकलने वाले ई-कचरे में 107 फीसदी का इजाफा हुआ। साल 2015 में चीन में 67 लाख टन अधिक कचरा पैदा हुआ। ऐसे में वो प्रदूषण के लिहाज से बड़ा खतरा बनता जा रहा है।

मध्यम वर्ग सबसे ज्यादा ई-कचरा पैदा कर रहा

यूनाइटेड नेशंस यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट ने इस संबंध में रिपोर्ट जारी की है। इसके अनुसार इस ई-कचरे में पुराने टीवी, फोन, कंप्यूटर, ई-टॉय आदि शामिल हैं। चीन का मध्यम वर्ग सबसे ज्यादा ई-कचरा पैदा कर रहा है। वहां की जनसंख्या की तुलना में अधिक कचरा पैदा हो रहा है। इसमें टॉक्सिक की मात्रा बेहद ज्यादा है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि दुनियाभर में एशिया में ई-कचरा पिछले पांच सालों में अधिक पैदा हुआ है। ईस्ट एशिया और साउथ ईस्ट एशिया के 12 देश कचरों का पहाड़ खड़ा कर रहे हैं। इनमें चीन सबसे आगे है।

तकनीकी और वेतन बड़ी वजहें

यूएन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रेयोडगर खुएर कहते हैं कि तकनीक औैर वेतन में हो रही बढ़ोत्तरी इसकी अहम वजहें हैं। वेतन बढऩे से खासकर मध्यम वर्ग हर साल स्मार्टफोन से लेकर कंप्यूटर, लैपटॉप व टीवी बदल रहा है। नतीजतन, पुराने टीवी व अन्य उपकरण डंप किए जा रहे हैं। जानकारों का कहना है कि इन ई-कचरों में मरकरी और लीड जैसे तत्व ज्यादा होते हैं। ये पर्यावरण को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाते हैं।

रिसाइकल से भी प्रदूषण

ई-कचरे को रिसाइकल किया जाता है। मगर इस विधि में बड़ी मात्रा में प्रदूषण पैदा होता है। इसमें काम करने वाले कामगार से लेकर स्थानीय लोगों को अस्थमा जैसी बीमारी चपेट में ले लेती है। बता दें कि चीन ई-कचरा आयात करने वाला बड़ा देश है। यूरोप और अमरीका से बड़ी मात्रा में रोजाना ई-कचरा चीन समेत एशिया में खपाया जाता है। यहां कचरे को रिसाइकल किया जाता है। हालांकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कचरा आयात करने की सीमा है। मगर इस कारोबार में लगे व्यापारी ज्यादा लाभ के लिए गैर-कानूनी तरीके से तय सीमा से ज्यादा ई-कचरा आयात कर लेते हैं।

भारत का हाल 

 इस समय भारत में हर साल 27 लाख टन ई-कचरा पैदा होता है। समूचे देश में ई-कचरा इक_ा करने वाली 42 इकाइयां और उन्हें रिसाइकिल करने वाली 55 इकाइयां ही उपलब्ध हैं। उत्पादित ई-कचरे का एक बड़ा हिस्सा अनौपचारिक क्षेत्र सम्भालता है, जो कि अवैध तरीके से काम करता है और पर्यावरण को भारी जोखिम में डालता है। देश में सबसे ज्यादा कचरा बेंगलुरु से निकलता है।

आंकड़े

– 107 फीसदी का इजाफा हुआ ई-कचरे में चीन में
– 67 लाख टन अधिक कचरा पैदा किया चीन ने 2015 में
– 63 फीसदी ज्यादा ई-कचरा एशिया ने पैदा किया पांच सालों में
– 27 लाख टन कचरा भारत पैदा कर रहा हर साल

प्रति व्यक्ति ई-कचरा (साल में)

– 3.7 किलोग्राम ई-कचरा एक व्यक्ति पैदा करता है एशिया में
– 15.6 किलोग्राम ई-कचरा एक व्यक्ति पैदा करता है यूरोप में

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