scriptकेंद्र ला रहा नया कानून, 24 घंटे कर सकते हैं शॉपिंग, देख सकते हैं सिनेमा | Cinema, Malls May Soon Work For 24/7, Modi Government To MAke Law For This | Patrika News

केंद्र ला रहा नया कानून, 24 घंटे कर सकते हैं शॉपिंग, देख सकते हैं सिनेमा

Published: May 06, 2016 03:47:00 pm

Submitted by:

Abhishek Tiwari

देश के 10,200 सिंगल-स्क्रीन सिनेमा हॉल, 600 से अधिक मॉलों एवं दो लाख से
अधिक रेस्त्रां को इस आदर्श कानून का लाभ मिल सकता है। इसके साथ ही 24 घंटे
खुले रहने के कारण इस ओर रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे

Cinema Malls To Work 24/7

Cinema Malls To Work 24/7

नई दिल्ली। भारतीय बाजर और मनोरंजन के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए मोदी सरकार एक आदर्श कानून प्रस्तावित करने जा रही है। इस आदर्श कानून के आ जाने से दिन हो रात अब आप कभी भी सिनेमा देख सकते हैं, किसी भी समय रेस्तरां में जा कर खाना खा सकते हैं। यहीं नहीं अगर आपको रात को शॉपिंग करने का मन कर दिया तो आप उसी समय जा कर अपने लिए खरीददारी कर सकते हैं।

कानून पारित होने पर राज्य सरकारें भी कर सकती हैं फॉलो
इस आदर्श कानून के आने से रेस्तरां, मॉल, सिनेमा हॉल समेत ऐसे सभी प्रतिष्ठानों को हर दिन हर समय यानी 24 घंटे खुला रखने का प्रावधान होगा। कानून पास होने के बाद राज्य सरकारें चाहें तो इसे फॉलो कर सकती है। प्रस्तावित आदर्श कानून के बारे में श्रम सचिव शंकर अग्रवाल ने कहा कि हम इन पर एक आदर्श कानून तैयार कर रहे हैं। हमारा मानना है कि श्रम मंत्रालय की ओर से कोई पाबंदी नहीं होनी चाहिए। इसे लागू करना या न करना राज्यों की इच्छा पर निर्भर है।

बढ़ेंगे रोजगार के अवसर
गौरतलब है कि देश के 10,200 सिंगल-स्क्रीन सिनेमा हॉल, 600 से अधिक मॉलों और दो लाख से अधिक रेस्त्रां को इस आदर्श कानून का लाभ मिल सकता है। इसके साथ ही 24 घंटे खुले रहने के कारण इस ओर रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

महिलाओं को मिलेगी रात में काम करने की आजादी
अधिकारियों के मुताबिक, इन प्रतिष्ठानों की कार्यावधि को लेकर अभी अलग-अलग राज्यों के अलग-अलग नियम हैं। साप्ताहिक अवकाश और सार्वजनिक छुट्टियां भी अलग-अलग दिन होती हैं। प्रस्तावित आदर्श कानून में इस मामले में पूरी आजादी दी जाएगी। प्रस्तावित आदर्श कानून में महिलाओं को रात की पाली में काम करने की आजादी दी जाएगी और प्रोन्नति, स्थानांतरण और नौकरी में सभी तरह के लैंगिक भेदभाव खत्म किए जाएंगे।

डेढ़ महीने में राज्यों तक पहुंचेगा कानून
अग्रवाल ने श्रम शक्ति भवन में स्थित अपने कार्यालय में गुरुवार को कहा कि हम यह आदर्श कानून दो सप्ताह में कानून मंत्रालय में भेजेंगे। उसके बाद के दो सप्ताह में यह मंत्रिमंडल तक पहुंचेगा। मेरे खयाल से एक से डेढ़ महीने में यह राज्यों तक पहुंच जाएगा।

भारत को एक बाजार बनाने की योजना
संसद को कानून पारित करने की जरूरत नहीं है। सरकार आदर्श विधेयक का एक मसौदा बनाना चाहती है, जिससे पूरे देश में कानूनी प्रावधानों में समानता आ सके और सभी राज्य आसानी से इसे स्वीकार कर सकें न कि अपने लिए अलग-अलग नियम बनाएं। यह नरेंद्र मोदी सरकार की पूरे भारत को एक बाजार बनाने की योजना का हिस्सा है। श्रम मंत्रालय के मुताबिक इससे रोजगार बढ़ेगा। महिलाओं का भी सशक्तीकरण होगा।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो