राजकोट। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का विवादों से नाता नहीं छूट रहा है। दरअसल राहुल गुजरात के ऊना में दलित पीडि़तों से मुलाकात करने पहुंचे थे। यहां
अस्पताल में राहुल ने एक महिला को गले लगाकर मदद का भरोसा दिया था। इस
महिला का दावा था कि वह एक पीडि़त की मां है, लेकिन खुलासा हुआ है कि यह
महिला न तो किसी पीडि़त की मां है और न ही रिश्तेदार। महिला की पहचान रामबेन मुछडिय़ा के रूप में हुई है। उसके खिलाफ मालवीय नगर और प्रद्युम्न नगर थानों में दो आपराधिक मामले भी दर्ज हैं। रामबेन पर 2009 में एक बिल्डर से धन उगाही के लिए फोन करने के आरोप हैं। वह कथित तौर पर 2012 में दंगा करने और सरकारी काम में बाधा डालने की भी आरोपी है।
पड़ताल में पता चला है कि यह महिला राजकोट निवासी रमा
मूछडिय़ा है। राहुल के दौरे की जानकारी मिलने पर इस महिला ने एक दिन पहले ही
रमा सरवैया के नाम से पास हासिल कर लिया था। इसके बाद वह पीडि़त वेशराम
सरवैया के बेड के पास आकर बैठ गई और जब राहुल आए तो खुदको वेशराम की मां
बताया।
वेशराम के कजिन भाई वालजी ने बताया कि महिला 20 जुलाई को
वार्ड में आई थी और सबसे कहा कि वह हमें इंसाफ दिलाएगी। सभी पीडि़तों को
भरोसे में लेने के बाद 21 जुलाई को सुबह से ही वह वॉर्ड में आकर मरीजों के
पास बैठ गई। महिला ने राहुल से कहा कि अब हम उस गांव में नहीं रहेंगे। इस
पर भावुक हुए राहुल ने उसे गले लगा लिया और मदद का भरोसा दिया। राहुल ने
यहां दलित पीडि़तों के बीच करीब 35 मिनट तक समय बिताया।
सवाल यह
उठता है कि आखिर राहुल की सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक कैसे हो गई। जेड प्लस
सिक्युरिटी वाले किसी भी वीवीआईपी के दौरो और मुलाकात के वक्त कौन-कौन
मौजूद रहेगा, इसकी लिस्ट पहले से ही लोकल पुलिस की स्पेशल यूनिट को देनी
होती है। इसी के आधार पर पुलिस पास जारी करती है। राजकोट में मरीजों के साथ
रहने वाले लोगों के बारे में पुलिस ने कोई पड़ताल ही नहीं की। खुद को दलित
की मां बताने वाली रमा के बदले वहां कोई आतंकी या असामाजिक तत्व भी हो
सकता था और राहुल पर हमला कर सकता था।
पीडि़त वेशराम ने बताया कि
शुक्रवार को अखबार में रमा मूछडिय़ा की राहुल के साथ फोटो देखकर हम चौंक गए।
वॉर्ड में इलाज करवा रहे किसी भी मरीज के साथ इस महिला के पारिवारिक संबंध
नहीं हैं। मेरी झूठी मां बनकर वो राहुल से मिली, हम शर्मसार महसूस कर रहे
हैं। उधर रमा ने दावा किया है कि पीडि़त मेरे समाज के हैं, मैं 65 साल की
हूं तो इस हिसाब से मैं उनकी मां ही हुई ना? मैं भी दलित समाज की हूं।
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