कांग्रेस ने धूमल-अनुराग पर लगाया सौ करोड़ के घोटाले का आरोप
Published: Aug 02, 2015 05:18:00 pm
पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और उनके पुत्र BJP मोर्चा के अध्यक्ष एवं भाजपा के सांसद अनुराग ठाकुर पर आरोप लगाया
नई दिल्ली। कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और उनके पुत्र भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष एवं भाजपा के सांसद अनुराग ठाकुर पर रविवार को आरोप लगाया कि उन्होंने सत्ता का दुरूपयोग और नियमों को दरकिनार करके धर्मशाला में 16 एकड़ भूमि क्रि केट स्टेडियम बनाने के लिए लगभग मुफ्त में ले ली और सरकारी खजाने को सौ करोड़ रूपए का नुकसान पहुंचाया। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से पूछा कि उनका “ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा” का नारा पिछली तारीख से लागू होगा या फिर उस दिन से जिस दिन से उन्होंने सत्ता संभाली है।
कांग्रेस के सांसद एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री जयराम रमेश ने रविवार को एक संवाददाता सम्मेलन में इस 13 साल पुराने मामले की जानकारी देते हुए कहा कि एक सोसायटी के रूप में पंजीकृत हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष ठाकुर के पिता तथा एसोसिएशन में सदस्य एवं तत्कालीन मुख्यमंत्री धूमल ने मंत्रिमंडल के निर्णय के माध्यम से धर्मशाला में क्रिकेट स्टेडियम के लिए आवेदन मिलने के दस दिन पहले ही हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन को एक रूपए प्रतिवर्ष के किराए पर 99 साल के पट्टे पर जमीन दे दी। आवेदन दस दिन बाद आया।
रमेश ने कहा कि अधिकारियों ने इस जमीन को सामान्य नियमों के तहत देने की सिफारिश की थी। ऎसा होने पर राजकोष में हर साल स्टेडियम की भूमि का किराया करीब 94 लाख रूपए जाता। उन्होंने कहा कि इस प्रकार से 99 साल में यह रकम लगभग सौ करोड़ रूपए होती। उन्होंने यह भी कहा कि ठाकुर ने इस जमीन के लीज के नियमों का उल्लंघन करके उसका कारोबारी उपयोग भी किया। उन्होंने कहा कि यही नहीं, सरकार की आंखों में धूल झोंकने के लिए 2005 में एक सेक्शन 25 कंपनी “हिमालयन प्लेयर्स क्रिकेट एसोसिएशन” बनाई गई। उसके चंद दिनों बाद उसका नाम बदल कर हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन कर दिया गया। पर इसके लिए सोसायटी पंजीयक के कार्यालय से आवश्यक अनुमति नहीं ली गई।
रमेश ने कहा कि अचरज की बात है कि धर्मशाला का स्टेडियम भी सोसायटी के रूप में पंजीकृत एसोसिएशन की बजाय सेक्शन 25 के रूप में पंजीकृत एसोसिएशन के अधिकार में आ गया। और इस बीच लीज के नियमों के विरूद्ध वहां एक निजी कंपनी एवेडा एक होटल एवं एक रेस्त्रां भी चलाने लगी। होटल एवं रेस्त्रां से इस कंपनी की सालाना आमदनी एक करोड़ रूपए तक हो रही है। उन्होंने कहा कि धूमल एवं ठाकुर की पिता पुत्र की जोड़ी ने सत्ता का दुरूपयोग करके सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाया और नियमों कानूनों के साथ खिलवाड़ करके घोटाला किया है। उन्होंने कहा कि वह कोई बेजा आरोप नहीं लगा रहे हैं बल्कि तथ्यों सहित एक मामला सामने रख रहे हैं।
एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में सत्तारूढ़ उनकी पार्टी की सरकार भी इस मामले में आवश्यक कार्रवाई कर सकती है। राज्य सरकार लीज नियमों में उल्लंघन पर कार्रवाई करके नियमानुसार किराया भी वसूल सकती है। उन्होंने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए पूछा कि उनका भ्रष्टाचार के विरूद्ध संकल्प का दायरा क्या है। उन्होंने कहा था कि “ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा”। यह नारा पिछली तारीख से लागू होगा या फिर उस दिन से जिस दिन से उन्होंने सत्ता संभाली है। यह पूछने पर कि क्या संसद में वह इस मामले का उठाएंगे। उन्होंने कहा कि पहले चरण में ललित मोदी, सुषमा स्वराज एवं वसुंधरा राजे तथा व्यापमं के प्रकरण उठाए गए हैं। दूसरे चरण में यह मामला भी आएगा।