नोटबंदी पर कांग्रेस सांसद ने मोदी के खिलाफ दिया विशेषाधिकार नोटिस
Published: Nov 24, 2016 08:23:00 pm
राज्यसभा सदस्य शांताराम नाइक ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया
नई दिल्ली। गोवा से कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य शांताराम नाइक ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया। इसमें कहा गया है कि संसद का सत्र जारी रहने के दौरान प्रधानमंत्री ने नोटबंदी पर संसद के बाहर बयान दिए हैं। नाईक द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, यह नोटिस प्रोसिजर एंड कंडक्ट ऑफ बिजनेस इन द काउंसिल ऑफ स्टेट्स (राज्यसभा) के नियम 187 और 188 के तहत दिया गया है।
नाइक ने कहा कि संसद के दोनों सदनों का सत्र जारी रहने के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा नोटबंदी पर संसद के बाहर कोई बयान जारी करना अनुचित था। गोवा से राज्यसभा के एकमात्र सदस्य ने यह भी कहा कि 19 नवंबर की आगरा की रैली में मोदी ने अपने संबोधन में नोटबंदी के फैसले पर टिप्पणी कर संसद के कामकाज के नियम का उल्लंघन किया है।
इसके अलावा प्रधानमंत्री आठ नवंबर को खुद टेलीविजन पर इस फैसले की घोषणा करने के लिए आए थे लेकिन प्रधानमंत्री ने यह जरूरी नहीं समझा कि राज्यसभा में आएं और नोटबंदी पर बहस में हस्तक्षेप करें। इस तरह से उन्होंने सदन के विशेषाधिकार का एक और हनन किया। विपक्षी दल मोदी से नोटबंदी के मुद्दे पर बयान देने की मांग कर रहे हैं और उम्मीद की जा रही है कि प्रधानमंत्री जल्दी ही संसद में इस पर बयान देंगे।
राष्ट्रीय लोकदल ने मांग की, मोदी, पर्रिकर और प्रभु इस्तीफा दें
राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने कानपुर रेल हादसा और सेना के जवानों की मौत के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। इस बाबत रालोद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर एवं रेलमंत्री सुरेश प्रभु से इस्तीफा मांगा है। रालोद के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मसूद अहमद ने कहा, ”सेना के जवानों की शहादत पर केवल अपनी पीठ थपथपाना देशवासी कब तक सहन करेगा। वर्तमान एवं पूर्व सैनिकों में केंद्र सरकार की कार्यशैली के प्रति निराशा है।”
राष्ट्रीय सचिव शिवकरन सिंह का कहना है कि रेल मंत्रालय को अक्टूबर में रिपोर्ट गई थी कि 30 किलोमीटर तक पटरी टूटी (फ्रेक्चर) हुई है। लेकिन उसे सही नहीं कराया गया। नतीजतन पटना कानपुर देहात के पास इंदौर एक्सप्रेस का इतना बड़ा रेल हादसा हो गया, जिसमें सैकड़ों लोग काल के गाल में समा गए। अनेक बच्चे अनाथ हो गए। क्या इसका उत्तरदायित्व रेलमंत्री और प्रधानमंत्री का नहीं है?
रालोद नेताओं ने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान के नाम पर देश में टैक्स लगाया गया, लेकिन देश के प्रदूषण की स्थिति भयावह होती जा रही है। देश की हवा में सांस लेना मुश्किल है। प्रधानमंत्री दिन में कई बार कपड़े बदलकर लच्छेदार भाषणों में व्यस्त हैं। उन्हें अपने देश की चिंता नहीं है।
नोटबंदी का तुगलकी फरमान जारी करके किसानों के साथ रबी फसल की बुवाई के समय क्रूर एवं भद्दा मजाक किया गया है। इसका परिणाम यह होगा कि फसल की पैदावार आधी होना भी मुश्किल है। इन सारी परिस्थितियों को ध्यान में रखकर प्रधानमंत्री, रक्षामंत्री एवं रेलमंत्री को त्यागपत्र दे देना चाहिए।