CRPF चीफ ने कहा, कश्मीर मे बंद नहीं होगा पैलेट गन का इस्तेमाल
Published: Jul 26, 2016 07:07:00 pm
सिक्युरिटी फोर्सेस पर पत्थरबाजी करने वालों पर इस गन का इस्तेमाल हो रहा है। इसमें अब तक 300 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं।
लोग कर रहे हैं पैलेट गन की आलोचना
डीजी दुर्गा प्रसाद ने कहा कि ऐसा कोई हथियार नहीं होता जिससे नुकसान ना हो और पैलेट गन सबसे कम घातक हथियार है। घाटी में पिछले दो हफ्तों से जारी झड़पों में 45 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है जबकि पैलेट गन्स से हजारों लोग घायल हैं जिनमें बच्चों की तादाद बहुत ज्यादा है। भारत और भारत के बाहर भी लोग कश्मीर में पैलेट गन्स के इस्तेमाल की आलोचना कर रहे हैं। लेकिन प्रसाद का कहना है कि उनके जवानों को निर्देश है कि पैलेट गन से घुटनों के नीचे निशाना लगाएं। उन्होंने कहा कि हमारी सालाना ट्रेनिंग बीच में रोकनी पड़ी है क्योंकि हमें कश्मीर में तैनाती करनी पड़ रही है। दूसरे राज्यों में ट्रेनिंग ले रहे जवानों को बुलाया गया है।
कश्मीर में हो रहे हैं हिंसक प्रदर्शन
आतंकी बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद कश्मीर में हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रसाद ने कहा कि हम इस बात की पूरी कोशिश कर रहे हैं कि पैलेट गन से कम से कम लोग घायल हों। उन्होंने कहा कि गन के इस्तेमाल के लिए जवानों को ट्रेनिंग दी गई है, लेकिन उन्हें इमोशनल होने को नहीं कहा जाता। बीते दो हफ्तों में प्रदर्शन के चलते 1,051 जवान घायल हुए हैं।
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पैलेट गन नॉन-लेथल वेपन है
प्रसाद ने कहा कि ये जानलेवा हथियार नहीं है। जम्मू-कश्मीर अकेला राज्य है, जहां लोग जवानों पर पथराव क रते हैं। ऐसी स्थिति में उन्हें खुद के बचाव और हालात को काबू में करने के लिए पैलेट गन का इस्तेमाल करना ही पड़ता है। हमने गन के यूज को लेकर इंस्ट्रक्शन भी दिए हैं कि इसे घुटने के नीचे के हिस्से पर चलाया जाना चाहिए।
गन से हुई इंजरी पर प्रसाद ने कहा कि सामने से गन तभी चलानी पड़ी, जब प्रदर्शनकारी काफी पास आ गए थे। ऐसे में जान जाने की भी आशंका थी। प्रसाद ने बताया कि हम कम खतरनाक कैटेगरी में आने वाले दूसरे हथियारों का भी एक्सपेरिमेंट कर रहे हैं। इसमें अमेरिका में यूज किया जाने वाला एक वेपन भी शामिल है।
राजनाथ ने कहा था- पैलेट गन के इस्तेमाल से बचें
हाल ही में कश्मीर के दौरे पर आए होम मिनिस्टर राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं कश्मीर के युवाओं से कहना चाहूंगा कि वे पथराव में शामिल न हों। साथ ही सिक्युरिटी फोर्सेस से भी कहता हूं कि वे पैलेट गन का इस्तेमाल जहां तक संभव हो न करें। राजनाथ ने ये भी कहा था एक संसदीय कमेटी पैलेट गन के यूज को लेकर रिव्यू करेगी। साथ ही, उसका कोई अल्टरनेटिव भी खोजेगी।
पैलेट गन को लेकर क्यों है खौफ?
कुछ दिन पहले हुए प्रदर्शनकारियों के चेहरे और आंखों में पैलेट गन के छर्रे लगे। उनमें से कई की आंखें खराब हो गईं। इसके बाद अलगाववादी घाटी में इसे बैन करने की मांग कर रहे थे। सिक्युरिटी फोर्सेस कश्मीर में आतंकवाद के सपोर्ट में होने वाली हिंसा और प्रदर्शनों को काबू करने के लिए इसका इस्तेमाल करती हैं। पहली बार 2010 की हिंसा के दौरान इसका इस्तेमाल हुआ था। तब 100 से ज्यादा मौतें हुई थीं।