जरूरी हथियार खरीदने के लिए बजट की कमी : सेना
बजट
में बढ़ोतरी के लिए रक्षा मंत्रालय जून में वित्त मंत्रालय को पत्र लिखेगा
नई दिल्ली। सेना ने रक्षा मामले की संसद की स्थायी समिति से कहा है कि जरूरी हथियार खरीदने के लिए उसके पास प्रयाप्त बजट नहीं है। सेना की चिंताओं को लेकर पिछले हफ्ते समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी। रिपोर्ट के मुताबिक, जनरलों का कहना है इस साल मिले कम बजट की वजह से सेना बंदूकें, टैंक विरोधी मिसाइल जैसे अहम हथियार नहीं खरीद पाएगी।
कम बजट की वजह से कोस्ट गार्ड के लिए निगरानी हैलीकॉप्टर और गश्ती नावों को भी खरीदने में दिक्कतें आएंगी। इस साल के बजट में 7.9 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई थी और स्कल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के प्रतिशत के मुताबिक, रक्षा मैं जो पैसा खर्च किया जाता है वह 1.7 प्रतिशत है, जो 1960 के बाद सबसे कम है।
भारतीय सेना का कहना है कि देश का रक्षा बजट जीडीपी के 3 प्रतिशत तक लाया जाना चाहिए। चीन अपने जीडीपी का 2 प्रतिशत सैन्य बलों पर खर्च करता है, जबकि पाकिस्तान और अमरीका का यह प्रतिशत क्रमश: 3 और 3.8 प्रतिशत है। रूस 4.1 प्रतिशत खर्च करता है।
बजट में बढ़ोतरी के लिए रक्षा मंत्रालय जून में वित्त मंत्रालय को पत्र लिखेगा।
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