आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देने और देश की रक्षा प्रणाली को हाईटेक करने के उद्देश्य से 1900 करोड़ रुपए के रक्षा सौदों को मंजूरी
नई दिल्ली। आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देने और देश की रक्षा प्रणाली को हाईटेक करने के उद्देश्य से 1900 करोड़ रुपए के रक्षा सौदों को मंजूरी दे दी गई है। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की अध्यक्षता में हुए रक्षा खरीद परिषद की बैठक में तीनों सेनाओं के प्रमुख और रक्षा सचिव भी मौजूद थे। इन रक्षा सौदों में सबसे महत्वपूर्ण 330 करोड़ की लागत से जम्मू और कश्मीर में लगाया जाने वाला इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम है। यह सिस्टम आतंकियों की घुसपैठ से निपटने में सेना की मदद करेगा। बैठक में सेना के लिए 405 करोड़ रुपये के टैंक रोधी गोला-बारूद की खरीद को भी मंजूरी दी गई। जबकि नौसेना के दो प्रस्तावों को भी बैठक में हरी झंडी दी गई।
बैठक में कम क्षमता वाले हमलों से निपटने के लिए सेना की ताकत बढ़ाने के उद्देश्य से 330 करोड़ रुपए की लागत से इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम की खरीद के प्रस्ताव को मंजूर किया गया। प्रशिक्षण के लिए सेना को पर्याप्त मात्रा में गोला बारूद उपलब्ध कराने के लिए 405 करोड़ रुपए के टैंक रोधी गोला बारूद की खरीद को भी मंजूरी दी गयी। नौसेना के दो प्रस्तावों को भी बैठक में हरी झंडी दिखाई गयी। इनमें 725 करोड़ रुपये की लागत से मुंबई में नौसेना के बंदरगाह में स्कोर्पिन पनडुब्बी के लिए मरम्मत केन्द्र बनाना और 450 करोड़ रुपये की लागत से पोर्ट ब्लेयर में हथियार मरम्मत केन्द्र की स्थापना शामिल है।
क्या है इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम
इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम ऐसी प्रणाली है जो दुश्मन के नेटवर्क में घुसकर नजर रख सकती है इसके अलावा जरूरत पडऩे पर उसको जाम भी कर सकती है। जाहिर है इसके आने से सेना को आतंकवाद से लडऩे में काफी मदद मिलेगी। इसके अलावा सेना के लिये 405 करोड़ की लागत से एटीजीएम यानी एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है।
तीनों सेनाओं के प्रमुख से पर्रिकर की मुलाकात
उधर, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने यहां तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ बैठक की। पर्रिकर की अध्यक्षता में हुई रक्षा खरीद परिषद की बैठक में भाग लेने आए तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ साउथ ब्लाक में हुई इस बैठक को, हालांकि रक्षा मंत्रालय ने नियमित करार दिया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि इसमें रक्षा तैयारियों की गहन समीक्षा की गई। उन्होंने कहा कि बैठक में सुरक्षा विशेष रूप से नियंत्रण रेखा पर सुरक्षा की स्थिति पर चर्चा हुई । यह बैठक सेना की ओर से इस पुष्टि के एक दिन बाद हुई है, जिसमें कहा गया था कि सेना ने उन सभी तैयारियों को पूरा कर लिया है, जिनसे वह विभिन्न सैन्य विकल्पों का तुरंत इस्तेमाल कर सकती है। इस तरह की भी रिपोर्ट आ रही है कि सेना ने तोपों सहित अपने साजो-सामान को महत्वपूर्ण ठिकानों पर भेजा है तथा अपनी स्थिति को मजबूत किया है।