नई दिल्ली। खांसी और मधुमेह के पुराने मर्ज से परेशान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक बार फिर बेंगलुरु स्थित प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्र की शरण में जा रहे हैं। बुधवार से अगले दस दिन तक वह नेचुरोपैथी से अपना इलाज कराएंगे। वहीं सैलरी और एरियर न मिलने से नाराज एमसीडी के करीब 1.5 लाख कर्मचारी एक बार फिर बुधवार से तीन दिन की हड़ताल पर हैं।
मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि केजरीवाल जिंदल नेचर क्योर इंस्टीट्यूट में इलाज कराएंगे। ज्ञात हो कि पिछले साल भी मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद मार्च में उन्होंने 12 दिन तक इसी संस्थान में इलाज कराया था। इसके बाद खासी और मधुमेह का अनियत्रिंत स्तर काबू में आया था।
वहीं दूसरी ओर, सैलरी और एरियर न मिलने से नाराज एमसीडी के करीब 1.5 लाख कर्मचारी बुधवार से तीन दिन की हड़ताल और प्रदर्शन करेंगे। जहां एक यूनियन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सिविल लाइंस स्थित घर के बाहर प्रदर्शन करेगी।
सफाई कर्मचारी ही नहीं टीचर्स, नर्सें, इंजिनियर्स भी करेंगे हड़ताल
इसमें स्वतंत्र मजदूर विकास संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष संजय गहलोत और सलाहकार आरबी उटवाल ने बताया कि वह मुख्यमंत्री से चौथे वित्त आयोग की सिफारिशें जल्द से जल्द लागू करने की मांग करेंगे। यूनाइटेड फ्रंट ऑफ एमसीडी एंप्लॉयीज के महासचिव राजेंद्र मेवाती ने दावा किया है कि उनके फ्रंट को तीनों एमसीडी के तमाम विभागों के कर्मचारियों का समर्थन प्राप्त है। इसमें न केवल सफाई कर्मचारी बल्कि टीचर्स, नर्सें, इंजिनियर्स और अन्य कर्मचारी शामिल हैं। इन्होंने बताया कि बुधवार से तीन दिन के लिए सांकेतिक हड़ताल शुरू की जाएगी।
मांगे नहीं मानी तो अनिशचित समय के लिए होगी हड़ताल
तीनों निगमों के एमसीडी कर्मियों की मुख्य मांगे हैं कि सभी कर्मचारियों की सैलरी हर महीने की एक तारीख को दी जाए। सभी को बकाए भत्ते दिए जाएं और आर्थिक तंगी से छुटकारा पाने के लिए तीनों नगर निगम को एक किया जाए। उन्होंने कहा कि अगर इन तीन दिनों में उनकी मांगों पर गौर नहीं किया गया तो फिर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की जाएगी।
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