नई दिल्ली। सोमवार को दिल्ली मेट्रों के कर्मचारियों ने हड़ताल की घोषणा की है। इससे दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) के हाथ—पांव फूल गए हैं। अगर कर्मचारियों ने हड़ताल की घोषणा वापस नहीं ली तो सोमवार का दिन दिल्लीवासियों के लिए मुसीबत पैदा करने वाला साबित होगा। इस हड़ताल से 20 लाख लोग प्रभावित होंगे।
दिल्ली मेट्रों के इतिहास में यह पहली बार होगा कि कर्मचारियों ने इतने बड़े स्तर पर हड़ताल की घोषणा की है। रविवार को भी यमुना बैंक मेट्रो स्टेशन पर कर्मचारियों ने मंत्रणा कर हड़ताल की रूपरेखा तैयार की है। कर्मचारी परिषद के सचिव अनिल कुमार महतो का कहना है कि अगर मेट्रों प्रबंधन ने हमारी बात नहीं मानी तो सोमवार को मेट्रो के पहिए थम जाएंगे। अगर ऐसा हुआ तो मेट्रो से यात्रा करने वाले हजारों लोगों के लिए दिक्कतें पैदा करने वाला दिन साबित होगा। कर्मचारी काली पट्टी बांधकर शुक्रवार को भी विरोध दर्ज करा चुके हैं। हड़ताल में दिल्ली मेट्रो के नॉन एग्जीक्यूटिव स्टाफ,ऑपरेटर, मेंटिनेंस कर्मी शामिल हो सकते हैं। डीएमआरसी ने अपने कर्मचारियों से कहा है कि वे किसी आंदोलन के बहकावे और उकसावे में न आएं और शांतिपूर्वक अपना काम करें।
क्या है मांगें?
-डीएमआरसी कर्मचारी सैलरी बढ़ाने और एक समान वेतन दिए जाने की मांग कर रहे हैं।
– डीएमआरसी की परीक्षा में पेपर लीक की सरकार सीबीआई से जांच कराए।
– 12 साल की सेवा के बाद नौकरी से हटाए गए विनोद शाह को दोबारा से बहाल किया जाए।
– कर्मचारियों की निगेटिव मार्किंग पॉजिटिव की जाए।
शुक्रवार को 7 घंटे बंद थी बेंगलुरु मेट्रो
नम्मा मेट्रो कर्मचारियों की अचानक हड़ताल के कारण शुक्रवार को मेट्रो की सेवाएं करीब 7 घंटे तक बाधित रहीं थी। मेट्रो स्टेशनों पर तैनात सुरक्षा कर्मियों से हुए विवाद के बाद कुछ मेट्रो कर्मचारियों की गिरफ्तारी के चलते यह नौबत आई थी। साथियों की रिहाई पर अड़े मेट्रो कर्मचारियों ने एस्मा लगाने की धमकी के बाद हड़ताल खत्म की। दोपहर करीब 12 बजे तक मेट्रो नहीं चलने से लाखों यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा था।
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