नोएडा के एक मजदूर को कैश के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा। अाखिर मे पुलिस ने की मदद।
नोएडा. दिहाड़ी मजदूरी करने वाले 65 वर्षीय मुन्नी लाल की पत्नी कैंसर से हार गईं। मुन्नी लाल पत्नी का अंतिम संस्कार करना चाहते थे। मगर जेब में एक रुपया नहीं था। बैंक से कैश नहीं मिल पाया। नोटबंदी के कारण परिवार पर इस तरह दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। बाद में पुलिस की मदद से अंतिम संस्कार हुआ।
यह वाक्या सोमवार का है। पैसा न होने के कारण वो लाश लेकर बेटे का इंतजार करते रहे। वो बताते हैं कि जो पैसा जेब में था वो दवा या अस्तपाल में खर्च हो गया। बैंक गया तो वहां कैश नहीं था। इसके बाद उन्होंने 30 साल के बेटे को यूपी के गोंडा से नोएडा बुलाया। दरअसल, मुन्नी लाल की 61 वर्षीय पत्नी फूलमती देवी की सोमवार दोपहर करीब दो बजे मौत हो गई थी। वो कैंसर की बीमारी से सालों से जूझ रही थी। बकौल मुन्नी लाल, पत्नी की मौत होने के बाद मैं बैंक गया। खाते में 16 हजार रुपये जमा हैं। मगर ब्रांच मैनेजर ने कहा कि कैश खत्म हो गया। अपनी स्थिति बताई फिर भी काम नहीं बन पाया। उधर, बैंक ने कहा कि सोमवार को उनके पास वाकई में कैश नहीं था।
पुलिस ने दिए 2500 रुपये
पैसा न मिलने के बाद सोमवार को पत्नी का अंतिम संस्कार नहीं हो पाया। मंगलवार को दोपहर तीन बजे एक पुलिसकर्मी ने मदद की। 2500 रुपये दिए। एक समाजसेवी ने पांच हजार रुपये दिए। इस बीच मंगलवार दोपहर बैंक में कैश आया तो खाते से 15 हजार रुपये निकाले। मुन्नी लाल कहते हैं कि मैंने कभी सोचा नहीं था कि अपनी जीवन साथी की अंतिम यात्रा के लिए एक एक रुपया जुटाना पड़ेगा। बता दें कि 22 साल पहले यह परिवार यूपी के गोंडा से नोएडा आया था। मुन्नी लाल सब्जियां बेचकर गुजरा करते थे। बाद में दिहाड़ी मजदूरी करने लगे। उन्हें मई में पत्नी के कैंसर के बारें में पता लगा था।