याकूब मेमन को फांसी की सजा के मामले पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी सवाल खड़े किए हैं
श्रीनगर। याकूब मेमन को फांसी की सजा के मामले पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने रविवार को कहा कि अहम सवाल यह है कि क्या मुंबई धमाकों का दोषी किसी समझौते के तहत भारत लौटा था। उमर माइक्रोब्लागिंग साइट टि्वटर पर लिखा, एक अहम सवाल-क्या वह किसी समझौते के तहत पाकिस्तान से लौटा था और अगर उसने किया था तो क्या इसे सार्वजनिक किया गया?”
वह लेखक सुहेल सेठ के एक ट्वीट पर प्रतिक्रिया दे रहे थे जिसमें सेठ ने कहा कि 1993 के मुंबई धमाकों के मामले में दोषी करार देने के अदालत के फैसले पर टिप्पणी की जा सकती है लेकिन उसे चुनौती नहीं दी जा सकती। सेठ ने ट्वीट किया, “मेरे लिए याकूब मेमन का मामला साफ है। अदालतों ने उसे दोषी करार दिया है और उसे सजा सुनाई गई है। हम इस पर टिप्पणी कर सकते है, चुनौती नहीं दे सकते।”
उमर के ट्वीट के बाद सेठ ने कहा कि अगर अदालत ने इन रिपोर्ट को संज्ञान में नहीं लिया है कि मेमन कुछ खुफिया अधिकारियों के साथ समझौते के तहत भारत लौटा था तो यह न्याय का मजाक है। सेठ ने एक और ट्वीट किया, “यह जायज बिंदु है जिस पर मुझे विश्वास है कि अदालतों ने इन्हें संज्ञान में लिया होगा और अगर नहीं लिया, तो यह हमारी न्यायपालिका का मजाक है।”
रॉ के पूर्व अधिकारी बी. रमन ने 2007 में एक लेख में लिखा था कि मेमन ने मुंबई विस्फोट मामले में सहयोग किया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस हफ्ते की शुरूआत में याकूब की सुधारात्मक याचिका को खारिज कर दिया था।