नई दिल्ली। दिल्ली के पड़ोसी राज्यों को भी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानि एनजीटी ने डीजल बसों की आवाजाही पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। एनजीटी ने छह पड़ोसी राज्यों से दिल्ली में प्रवेश करने वाली डीजल बसों पर रोक लगाने को कहा है।
एनजीटी ने पड़ोसी राज्यों को सीएनजी बसें चलाने के दिए निर्देश
एनजीटी चैयरपर्सन जस्टिस स्वतंत्र कुमार ने कहा है कि सर्दियों में हवा में प्रदूषण बढऩे से स्थिति और भी खराब हो जाती है। जस्टिस स्वतंत्र कुमार ने राजस्थान, यूपी, उत्तराखंड, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा को डीजल वाहनों को सीएनजी में परिवर्तित करने के निर्देश दिए हैं। एनजीटी ने दिल्ली के पड़ोसी राज्यों को अतिरिक्त ईंधन सिलेंडर वाली बसों को खरीदने को कहा है। एनजीटी की एक खास बेंच के अनुसार दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण की वजह से एयर क्वालिटी खराब होती जा रही है। इससे पर्यावरण संबंधित और स्वास्थ्य संबंधित गंभीर समस्याएं उभर रही हैं।
दिल्ली के इन इलाकों में बढ़ा प्रदूषण का स्तर
दिल्ली में आनंद विहार, पटपडग़ंज और साहिबाद में सबसे ज्यादा प्रदूषण फैल रहा है। एनजीटी की काउंसिल ने उत्तराखंड, यूपी, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और हिमाचल प्रदेश की सरकारों को भी जल्द ही इस मामले में निर्देश जारी करने को कहा। बेंच ने पड़ोसी राज्यों से पूछा कि वो दिल्ली में डीजल बसों के प्रवेश पर रोक क्यों नहीं लगा रही हैं। एनजीटी ने दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी और यूपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को वायु प्रदूषण से जुड़े हुए विस्तृत आंकडें देने को कहा। इसमें पटपडग़ंज की इंडस्ट्रीज, साहिबाद और आनंद विहार में एक सप्ताह में बढ़े वायु प्रदूषण का भी डिटेल देना होगा।
प्रदूषण के मामले में एनजीटी की अगली सुनवाई 23 दिसंबर को
इस मामले में अगली सुनवाई 23 दिसंबर को होगी। इस सुनवाई में दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी को बताना होगा कि इन इंडस्ट्रियल यूनिट से कौन से जहरीली पदार्थ निकल रहे हैं और इन्हे रोकने के लिए क्या कदम उठाने होंगे। अक्टूबर में ग्रीन पैनल ने इन सभी राज्यों को सीएनजी व्हीकल्स के लिए अपनी पॉलिसी में बदलाव करने को कहा था। इन राज्यों को ये चेतावनी भी दी गई थी कि अगर वो सीएनजी बसों को लागू नहीं करेंगे तो इनकी सेवाएं समाप्त कर दी जाएगीं।
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