भारत के मिसाइलमैन और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की आज दूसरी पुण्यतिथि है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज तमिलनाड़ जाएंगे और रामेश्वरम में उनकी समाधि स्थल पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि देंगे।
नई दिल्ली। भारत के मिसाइलमैन और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे
अब्दुल कलाम की आज दूसरी पुण्यतिथि है। इस मौके पर प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी आज तमिलनाड़ जाएंगे और रामेश्वरम में उनकी समाधि स्थल पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि देंगे। इस दौरान पीएम मोदी यहां बने नॉलेज सेंटर का उद्घाटन भी करेंगे। इस सेंटर के निर्माण में 15 करोड़ रुपए का खर्च आया है। इसके बाद पीएम मोदी ‘कलाम 2020 साइंस व्हीकल’ को हरी झंडी दिखाएंगे। पीएम मोदी के साथ तमिलनाडु के गवर्नर सी. विद्यासागर राव, मुख्यमंत्री के पलानीसामी और एनडीए के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार
वेंकैया नायडू भी मौजूद रहेंगे।
ये देखिये! केजरीवाल की तलाश में कौन-कौन?
शिलॉन्ग में हुआ था मिसाइलमैन का निधन
पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे
अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडू के रामेश्वरम में हुआ था। वह 2002 से 2007 तक देश के 11वें राष्ट्रपति रहे थे। उनका निधन 27 जुलाई, 2015 को मेघालय के शिलॉन्ग में आईआईएम में लेक्चर देने के दौरान दिल का दौरा पडऩे से हुआ था। कलाम को 1997 में देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया।
नॉलेज सेंटर में लगी जयपुर में बनी मोम की प्रतिमा रामेश्वरम में बनाए गए नॉलेज सेंटर में डॉ. एपीजे
अब्दुल कलाम का मोम की प्रतिमा लगाई गई है। इस मोम की प्रतिमा का निर्माण
जयपुर के वैक्स म्यूजियम में किया गया है। इस प्रतिमा का वजन 45 किलोग्राम है। इस प्रतिमा के निर्माण में 25 किलो मोम का इस्तेमाल हुआ है। इसके निर्माण में 3 महीने का समय लगा है।
मिसाइलमैन की 10 खास बातें
1- डॉ. एपीजे
अब्दुल कलाम का जन्म तमिलनाडु के रामेश्वरम के धनुषकोडी गांव में एक मध्यमवर्गीय मुस्लिम परिवार में हुआ था।
2- डॉ.
अब्दुल कलाम अपने पांच भाई-बहनों में सबसे छोटे थे।
3- डॉ. कलाम को अपनी फीस भरने के लिए बचपन में अखबार तक बेचना पड़ा था।
4- 1958 में डॉ. कलाम ने मद्रास इंसटीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से अंतरिक्ष विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की।
5- 1962 में डॉ. कलाम भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधन संगठन (इसरो) का हिस्सा बने।
6- 3 जुलाई 1980 को भारत का पहला स्वदेशी उपग्रह एसएलवी-3 डॉ. कलाम के दिशा-निर्देश में लॉन्च हुआ था।
7- 1992 से 1999 तक डॉ. कलाम रक्षा मंत्री के विज्ञान सलाहकार तथा सुरक्षा शोध व विकास विभाग के सचिव रहे।
8- डॉ. कलाम की देखरेख में भारत ने 1998 में पोखरण में सफल परमाणु परीक्षण किया।
9- देश के प्रति योगदान के लिए डॉ. कलाम को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।
10- 2002 में सभी प्रमुख पार्टियों के समर्थन से करीब 90 फीसदी मतों के साथ डॉ. कलाम देश के 11वें राष्ट्रपति बने।