देहरादून। उत्तराखंड में भारत नेपाल सीमा के पास कई इलाकों में देर रात भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल में 5.2 थी। अभी तक किसी भी तरह जान—माल के नुकसान की खबर नहीं है। भूकंप का केंद्र उत्तराखंड के पास बताया गया है। भूकंप के झटके उत्तराखंड में कुमाऊं के चंपावत, अल्मोड़ा और श्रीनगर गढ़वाल में महसूस किए गए।
नेपाल में भी महसूस हुए झटके
बताया गया है कि भूकंप की गहराई लगभग 10 किमी थी इस वजह से तेज झटके महसूस किए गए। नेपाल के कई हिस्सों में भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र उत्तराखंड के धारचूला से 26 किमी दूर बताया जा रहा है। खबर है कि भूकंप के झटके दिल्ली एनसीआर के साथ कई हिस्सों में महसूस किए गए।
इस जोन में हैं सबसे ज्यादा खतरा
भू-वैज्ञानिकों ने भूकंप के खतरे के आधार पर देश के हिस्सों को सीस्मिक जोन में बांटा है। जोन 2 में सबसे कम खतरा बताया गया है। वहीं, सबसे ज्यादा जोन 5 में है। आपको बता दें कि दिल्ली जोन 4 में आता है। दिल्ली में 6 से ज्यादा तीव्रता वाला भूकंप भारी तबाही मचा सकता है।
जोन 4 में हैं दिल्ली—मुंबई
भूकंप के खतरे वाले जोन 4 में मुंबई, दिल्ली जैसे शहर आते हैं। इनके अलावा जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, पश्चिमी गुजरात, उत्तर प्रदेश के पहाड़ी इलाके और बिहार-नेपाल सीमा के इलाके भी इसी जोन में आते हैं। इन जगहों पर भूकंप का खतरा लगातार बना रहता है।
इसलिए आता है भूकंप
पृथ्वी के अंदर सात प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां पर ये प्लेट्स टकराती हैं, उसे जोन फॉल्ट लाइन कहा जाता है। इन प्लेट्स के बार-बार टकराने से उनके के कोने मुड़ते हैं। टकराव से दबाव जब ज्यादा बन जाता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। इससे धरती के नीचे की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है। इसी वजह से भूकंप आता है।