scriptनेपाल: अब तक 4352 की मौत, खाने और दवाओं की जरूरत | Earthquake: over 4300 dead, Nepal urges for help | Patrika News

नेपाल: अब तक 4352 की मौत, खाने और दवाओं की जरूरत

Published: Apr 28, 2015 11:24:00 am

पाल के प्रधानमंत्री सुशील कोईराला ने कहाकि राहत और बचाव कार्य प्रभावी नहीं

nepal earthquake

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काठमांडू/नई दिल्ली। नेपाल में मरने वालों की संख्या चार हजार के आंकड़ें को पार कर गया है। जानकारी के अनुसार अभी तक 4352 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। साथ ही 7953 लोग घायल हो चुके हैं। सोमवार शाम और मंगलवार सुबह भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। वहीं नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कोईराला राहत कार्यो से खुश नहीं है। उन्होंने कहाकि राहत और बचाव कार्य प्रभावी नहीं।

खुले में रात गुजार रहे हैं लोग
नेपाल में दसियों हजार लोग ठंडे मौसम में पिछले दो दिनों से खुले में रात बिता रहे हैं और बुनियादी चीजों की मांग कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि भूकंप से नेपाल में चारों ओर तबाही का मंजर है राजधानी काठमांडू में ज्यादातर इमारतें ढह गई हैं। मुख्य सचिव ने कहा कि बिजली आपूर्ति मंगलवार सुबह तक शुरू की जा सकती है। संचार सेवा भी अभी बहाल होनी है। नेपाल सरकार अभी तक भूकंप में तबाह हुए घरों की संख्या का पता नहीं लगा पाई है और न ही इस बात का अभी तक पता चला है कि इस भूकंप में कुल कितनी संपत्ति को नुकसान हुआ है।

मदद की अपील
भूकंप से प्रभावित नेपाल में राहत कार्य जारी है और कई देश इसमें लगे हुए हैं। लेकिन अभी भी टेंट, भोजन, चटाइयां, दवाएं और कई अन्य बुनियादी चीजों की जरूरत है। नेपाल के मुख्य सचिव लीला मणि पौडयाल ने कहा कि सरकार ने भारत, चीन और अन्य दूसरे देशों से नेपाल को और अधिक सहायता प्रदान करने का आग्रह किया है। सरकार का यह बयान शनिवार को आए भीषण जलजले और रविवार दोपहर को लगे झटकों के बाद आया है। 

हवाई अड्डे पर भारतीयों की भीड़
नेपाल के अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हजारों भारतीय इकट्ठे हो गए हैं। वे सभी दो दिन पहले आए भीषण भूकंप के बाद अपने घर जाने के लिए बेताब हैं और वतन वापसी के लिए प्रयास कर रहे हैं।भूकंप के बाद के झटकों और दोबारा भूकंप आने के डर के कारण भारी संख्या में भारतीय नागरिक भारतीय वायुसेना और नागरिक विमान पर सवार होने का इंतजार कर रहे हैं। इनमें से कुछ लोग ऎसे हैं जिनके सभी रूपये खर्च हो गए हैं। नेपाल के लिए राहत सामग्री ले जा रहे विमान ने अभी तक 2,000 भीरतीयों को बाहर निकाल लिया है। निजी भारतीय विमानन कंपनियों ने भी नेपाल से लोगों को बाहर निकालने का काम शुरू कर दिया है।
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