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खत्म हो मृत्युदंड, केवल आतंकी मामलों में दिया जाए-विधि आयोग

Published: Aug 28, 2015 07:58:00 am

आयोग का मत है कि मृत्यु दंड की व्यवस्था आतंकी मामलों में ही होनी चाहिए,  इस मुद्दे पर आयोग के सदस्यों में मतैक्य नहीं है

death penalty-2

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नई दिल्ली। विधि आयोग मृत्यु दंड को खत्म किए जाने के पक्ष में है। आयोग का मत है कि मृत्यु दंड की व्यवस्था आतंकी मामलों में ही होनी चाहिए। आयोग की 272 पेज की ड्राफ्ट रिपोर्ट उसके सदस्यों में वितरित की गई है। रिपोर्ट में कानून की किताब से मृत्यु दंड को समाप्त करने की बात कही गई है। रिटायर्ड जस्टिस एपी शाह की अध्यक्षता वाला विधि आयोग अगले सप्ताह तक सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप सकता है।



सूत्रों के अनुसार इस मुद्दे पर आयोग के सदस्यों में मतैक्य नहीं है। कई सदस्य इसके विरोध में हैं। आयोग ने इस मुद्दे पर कई प्रतिनिधियों से चर्चा की थी और कई राजनीतिक दलों के सदस्यों ने भी फांसी की सजा को समाप्त करने का समर्थन किया। आयोग का कहना है कि फांसी की सजा होने के बावजूद अपराधों पर रोक नहीं लग और न ही अपराधियों में डर है। इससे ज्यादा असर तो उमकैद की सजा से पड़ा है।



मृत्यु दंड का मुद्दा हाल में 30 जुलाई को याकूब मेनन को फांसी दिए जाने के बाद से गरमा गया था और इसके पक्ष और विपक्ष में चर्चाएं होने लगी थी। उल्लेखनीय है कि 1962 में विधि आयोग ने अपनी रिपोर्ट ने मृत्यु दंड को बनाए रखने की सिफारिश की थी। आयोग का कार्यकाल 31 अगस्त को खत्म हो रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल विधि आयोग से इस मुद्दे पर अध्ययन करने और अपनी रिपोर्ट देने को कहा था। भारत उन 59 देशों में से एक है जहां मृत्यु दंड बरकरार है।

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