नई दिल्ली। अपनी ही सहयोगी महिला से यौन शोषण करने के आरोपों में घिरे द एनर्जी रिसर्च इंस्टीट्यूट (ऊर्जा व संसाधन संस्थान-टेरी) के महानिदेशक रह चुके आर के पचौरी को प्रोन्नति देते हुए संस्थान का उपाध्यक्ष बनाया गया है। सूत्रों के अनुसार यह पद विशेष तौर पर उन्ही के लिए सृजित किया गया था ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि संगठन का नियंत्रण उनके ही हाथ में रहे। लगभग पैंतीस साल तक टेरी के मुखिया रह चुके पचौरी को पिछले साल जुलाई में महानिदेशक पद से हटा दिया गया था। यौन उत्पीडऩ का आरोप लगाने वाली महिला ने बाद में संस्थान से त्यागपत्र दे दिया था।
उनकी नियुक्ति पर सरकार का कहना है कि संस्थान निजी संस्था है। इसलिए वह उसके कामकाज अथवा गतिविधियों की निगरानी नहीं कर सकती। सरकार ने इस बात से भी इनकार किया है कि वह संस्थान को वास्तविक रूप से धन उपलब्ध कराती है।
सरकार का कहना है कि उसके और संस्थान के बीच का रिश्ता शुद्ध रूप से परियोजना आधारित और अनुबंध का है। रिकॉर्ड से जोहिर है कि उसे केवल पर्यावरणीय परियोजनाओं के लिए फंडिंग की जाती है। उधर, महिला शिकायतकर्ता का कहना है कि टेरी को केन्द्र सरकार के विभिन्न विभागों से फंडिंग की जाती है।