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नए राष्ट्रपति को इसलिए दी जाती है 21 तोपों की सलामी

Published: Jul 25, 2017 08:16:00 pm

Submitted by:

Prashant Jha

अंग्रेजों के दौर में वायसराय को 31 तोपों की सलामी दी जाती थीं, क्योंकि तब राजवाड़ों के कई राजाओं 21 तोपों की सलामी  लेते थे। राजाओं के समय इस परंपरा की शुरुआत जनता तक सूचना पहुंचाने के लिए किया जाता था। 

Rashtrapati bhawan

Rashtrapati bhawan

नई दिल्ली: प्रणब मुखर्जी के कार्यकाल में 2014 में बग्गी की वापसी हुई। इससे पहले सुरक्षा कारणों से 20 वर्ष तक बग्गी पर राष्ट्रपति का आवागमन बंद रहा, लेकिन मंगलवार को भी रामनाथ कोबिंद बुलेट प्रूफ लिमोजिन में शपथग्रहण समारोह में पहुंचे।

21 तोपों की सलामी
नए राष्ट्रपति के शपथ लेते ही 21 तोपों की सलामी दी जाती है। अंग्रेजों के दौर में वायसराय को 31 तोपों की सलामी दी जाती थीं, क्योंकि तब राजवाड़ों के कई राजाओं 21 तोपों की सलामी लेते थे। राजाओं के समय इस परंपरा की शुरुआत जनता तक सूचना पहुंचाने के लिए किया जाता था। 

सूचना दे दी जाए..
शपथ लेने से पहले चुनाव आयोग संसद के सेंट्रल हाल में घोषणा करता है कि पुराने राष्ट्रपति का कार्यकाल कब समाप्त हुआ और नए राष्ट्रपति किसे चुना गया है। जबकि शपथ के बाद घोषणा होती कि नए राष्ट्रपति के पदभार ग्रहण करने सूचना सभी राज्यों और विदेशों में भारतीय दूतावासों तक पहुंचा दी जाए। 

पिछले राष्ट्रपति को नए घर तक छोड़कर आते हैं
एक ओर जहां पद छोडऩे वाले राष्ट्रपति नव निर्वाचित राष्ट्रपति को राष्ट्रपति भवन से साथ लेकर आते हैं। शपथ के बाद नए राष्ट्रपति (रामनाथ कोविंद) पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के साथ दोबारा राष्ट्रपति भवन लेकर जाते हैं। यहां पिछले राष्ट्रपति नए राष्ट्रपति को राष्ट्रपति भवन से परिचित कराते हैं। इसके बाद नए राष्ट्रपति, पिछले राष्ट्रपति को उनके नए आवास तक खुद छोडऩे जाते हैं। यही पिछले राष्ट्रपति की भारत के राष्ट्रपति की आधिकारिक लिमोजिन कार में आखिरी यात्रा होती है।

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