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बिहार में शराबकांड में मरे लोगों के परिजन जेल के डर से पोस्टमार्टम नहीं करा रहे

Published: Aug 24, 2016 11:31:00 am

नए शराबबंदी कानून के तहत कार्रवाई होने का डर। पुलिस पर कार्रवाई की तलवार लटकी इसलिए दफनाने के लिए कहा जा रहा।

Gopal ganj

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पटना. बिहार के गोपालगंज में हाल में अवैध शराब से 16 लोगों की मौत हो गई। ऐसी मौत पर मुआवजा मिलने का प्रावधान किया गया है लेकिन इनके परिजन अपने मृत बच्चों व पिता का पोस्टमार्टम कराने से डर रहे हैं। उन्हें डर है कि हाल में विधानसभा में पास हुए नया शराबबंदी कानून उन्हें जेल में पहुंचा सकता है। वहीं परिजनों का दावा है कि मरने वाले 60 से 70 हैं।

पुलिस को भी कार्रवाई का डर

इतना ही नहीं, मृतकों के परिजनों ने पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगाया है। इनका आरोप है कि पुलिस भी पोस्टमार्टम नहीं चाहती। वह चाहती है कि परिवार चुपचुप इनका अंतिम संस्कार कर दें। दरअसल, पास हुआ बिल कहता है कि अगर किसी घर में शराब पाई जाती है तो परिवार के 18 साल या उससे अधिक उम्र के सभी सदस्यों को जेल भेजा जाएगा। अगर ऐसी घटना रोकने में पुलिस नाकाम रहती है तो पुलिस पर भी कार्रवाई का प्रावधान है। परिजनों का कहना है कि इस कानून के डर के कारण पुलिस को डर है कि यदि पोस्टमार्ट में शराब से मौत की पुष्टि होती है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है।

मृतक रहमान मियां की पत्नी कहती हैं कि मेरे पति 16 अगस्त की रात शराबकांड में मारे गए। हम उन्हें अस्पताल गए तो उस दौरान कई लोग भर्ती हुए। सभी की मौत हो गई। इनकी संख्या 60 से 70 हो सकती है। हालांकि बिहार सरकार का कहना है कि अवैध शराब से उस रात केवल 16 लोगों की मौत हुई है।

घर पर कब्जा करने का भी डर सता रहा

मृतक रहमान मियां के भाई हैदर अली ने पुलिस और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि भाई की मौत के बाद हम पोस्टमार्टम कराना चाहते लेकिन पुलिस ने ऐसा न करने के लिए दबाव बनाया। प्रशासन ने कथित तौर पर कहा कि अगर पोस्टमार्टम में शराब की पुष्टि होती है तो नए कानून के हिसाब से घर पर कब्जा कर लिया जाएगा। जेल हो जाएगी। बता दें कि इस बिल के अनुसार, प्रशासन शराब बेचने या सेवन करने पर घर को सील कर कब्जे में ले सकता है। उधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले ही कह चुके हैं कि इस कानून का गलत प्रयोग नहीं होगा। परिजनों का कहना है कि पुलिस इसका गलत प्रयोग कर रही है।

जिलाधिकारी ने आरोप खारिज किए

 जिलाधिकारी राहुल कुमार ने इन तमाम आरोपों को खारिज किया। उन्होंने कहा कि जितनी भी मौत हुई हैं, उनके परिवार को सबसे पहले पोस्टमार्टम के लिए कहा गया। उन्होंने कहा कि शराबकांड में 16 से ज्यादा मौतें नहीं हुई हैं। अगर ऐसा है तो इनके शव सामने लाने चाहिए। प्रशासन पोस्टमार्टम कराएगा। यही नहीं, प्रशासन का कहना है कि कुछ लोग मुआवजा लेने के चक्कर में इस तरह का आरोप लगा रहे हैं।
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