नई दिल्ली। वन रैंक वन पेंशन की मांग के साथ जंतर-मंतर पर बैठे पूर्व सैनिक वित्त मंत्री अरूण जेटली से बेहद खफा दिखे। उन्हें लग रहा है कि सरकार उनके साथ किया गया अपना वादा पूरा नहीं कर रही।
सोमवार को वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा, सरकार कम उम्र में रिटायर होने वाले सैनिकों के हितों का ख्याल रखेगी मगर दुनिया में कहीं भी हर साल पेंशन में संशोधन नहीं होता, उन्हें अपने बजट का भी हिसाब रखना है। नाराज पूर्व सैनिक अब कह रहे हैं कि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो नतीजा बिहार चुनाव में भुगतना पड़ेगा।
भूतपूर्व सैनिक संगठन के अध्यक्ष और वन रैंक वन पेंशन आंदोलन की अगुवाई कर रहे रिटायर्ड मेजर जरनल सतबीर सिंह का कहना है कि वित्त मंत्री का बयान बेहद घिनौना है और वह उनके बयान का खंडन करते हैं।
सतबीर ने कहा कि चुनाव में वोट उसको दिया जाएगा जो अपना वादा निभाएगा, जो वन रैंक वन पेंशन की बात करेगा, या फिर किसी पूर्व सैनिक उम्मीदवार को वोट दे देंगे।