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एफआईयू ने 7,800 करोड़ रूपए के कालेधन का पता लगाया

Published: Apr 27, 2015 12:06:00 am

केंद्र सरकार ने साल 2013-14 के दौरान देश के भीतर और बाहर 7,800 करोड़ रूपए के कालेधन का पता लगाया है

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने साल 2013-14 के दौरान देश के भीतर और बाहर 7,800 करोड़ रूपए के कालेधन का पता लगाया है। वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू) ने देश के आर्थिक माध्यमों में अब तक का सर्वाधिक संदिग्ध लेन-देन पाया है। वित्त मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक एफआईयू की कार्रवाई से इस अवधि के दौरान आयकर विभाग ने 7,078 करोड़ रूपए के बेहिसाब धन का पता लगाया जबकि सीमा शुल्क और सेवा कर विभागों ने 750 करोड़ रूपए का पता चला।
वित्त मंत्रालय के तहत आने वाली तकनीकी खुफिया शाखा ने देशव्यापी स्तर पर संदिग्ध लेनदेन रिपोर्ट (एसटीआर) हासिल की है। उसे यह कई वित्तीय संस्थानों से मिला। प्रवर्तन निदेशालय ने भी 20 करोड़ रूपए से जुडे अपराध का पता लगाया और 17 करोड़ रूपए की संपत्ति जब्त की। एफआईयू की ओर से तैयार इलेक्ट्रॉनिक खुफिया के परिणाम स्वरूप आयकर विभाग ने 163 करोड़ रूपए की संपत्ति जब्त की और सेवा कर विभाग ने इस अवधि के दौरान 17 करोड़ की कीमत की संपत्ति सील की।

यह उसी कार्रवाई का हिस्सा है जो प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लान्ड्रिंग करने वालों और हवाला कारोबारियों के खिलाफ नियमित कार्रवाई के अलावा मनी लान्ड्रिंग विरोधी कानून के तहत 105 ताजा आपराधिक प्राथमिकी दर्ज की। वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एफआईयू की ओर से पिछले साल के दौरान कुल 7,848 करोड़ रूपए का पता लगाया गया है।

अधिकारी ने कहा कि इस ब्‍लैकमनी के बारे में 2013-14 की अवधि के दौरान पता लगाया गया। एफआईयू को मिली एसटीआर में इस दौरान करीब 100 फीसदी उछाल देखने को मिला। इस अवधि में उसे 61,953 एसटीआर मिली, जबकि 2012-13 के दौरान उसे 31,731 एसटीआर मिली थी। एजेंसी को इस अवधि के दौरान 87,79,082 नगद लेनदेन रिपोर्ट (सीटीआर), 3,01,804 जाली करंसी रिपोर्ट (सीसीआर) तथा 80,616 गैर सरकारी संगठन लेनदेन (एनटीआर) मिलीं। ताजा रिपोर्ट कालेधन पर गठित एसआईटी को सौंपी गई है।
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