चेन्नई-रामेश्वरम खंड पर 114 किलोमीटर लंबे रामेश्वरम-मानामदुरै खंड की पहचान मानव अपशिष्ट निर्वहन मुक्त हरित रेलगाड़ी गलियारा बनाने के लिए की गई। इसी के अनुरूप 286 डिब्बों से निर्मित इस खंड में चलने वाली 10 यात्री गाडिय़ों में जैव शौचालयों की व्यवस्था की गई है। रामेश्वरम- मानामुदुरै के बाद ओखा कनालास जंक्शन (141 किलीमोटर), पोरबंदर-वंशजलिया (34 किलोमीटर) एवं जम्मू-कटरा (78 किलोमीटर) खंडों को भी रेलगाडिय़ों से मानव अपशिष्ट निर्वहन मुक्त बनाने का कार्य शुरू किया जाएगा। इसके लिए लगभग 1110 डिब्बों से निर्मित करीब 35 रेलगाडिय़ों में जैव शौचालयों का प्रावधान किया जाएगा एवं इस पर कार्य वर्तमान में जारी है।
रेल मंत्रालय ने प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान में योगदान देने के लिए अपने सभी डिब्बों में मानव अपशिष्ट निर्वहन मुक्त जैव शौचालय उपलब्ध कराने का कार्य प्रारंभ किया है और इस कार्य को सितंबर 2019 तक पूरा कर लिया जाएगा। सभी रेल डिब्बों में जैव शौचालयों के प्रावधान से रेलगाडिय़ों से जमीन पर मानव अपशिष्ट निर्वहन पूरी तरह रुक जाएगा, जिससे सफाई एवं स्वच्छता को बेहतर करने में मदद मिलेगी। रेल मंत्रालय इस वर्ष 30 जून तक डिब्बों में 40750 जैव शौचालय लगा चुका है। चालू वित्त वर्ष के दौरान भारतीय रेल की अतिरिक्त 30,000 जैव शौचालय लगाने की योजना है।