script

पूर्वोत्तर के कई राज्यों में बाढ़ से लाखों लोग प्रभावित, सात मरे

Published: Jul 25, 2016 06:49:00 pm

केंद्रीय जल आयोग के अधिकारियों ने कहा कि ब्रह्मपुत्र नदी डिब्रूगढ़, नीमतीघाट, तेजपुर, गोलापाड़ा और धुबरी में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है

Heavy Rain

Heavy Rain

गुवाहाटी। असम में बाढ़ की स्थिति लगातार नाजुक बनी हुई है। रविवार शाम तक 14 जिलों में छह लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। इसके साथ ही इस साल बाढ़ में मृतकों की संख्या बढ़कर सात हो गई है।

खतरे के निशान के ऊपर बह रही नदियां
जलमग्न होने के कारण हजारों लोग घर से बाहर नही निकल पा रहे है। केंद्रीय जल आयोग के अधिकारियों ने कहा कि ब्रह्मपुत्र नदी डिब्रूगढ़, नीमतीघाट, तेजपुर, गोलापाड़ा और धुबरी में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, वहीं ब्रह्मपुत्र की कुछ सहायक नदियों का जलस्तर भी बढ़ रहा है। यही कारण है कि बाढ़ से निपटने के लिये जलपाईगुड़ी जिला प्रशासन की ओर से सेना को तैयार रहने को कहा गया है। जलपाईगुड़ी जिले के सात ब्लाक के 128 गांव के 25,365 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए है। मालबाजार, बिन्नागुड़ी समेत बानरहाट के बाढ़ प्रभावित इलाको मे राहत सामग्री की व्यवस्था की गई है।

कई जिले हुए जलमग्न
असम आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के एक अधिकारी ने कहा कि बाढ़ के कारण रविवार को तिनसुकिया जिले का बड़ा हिस्सा पानी में डूब गया। इसके अतिरिक्त लखीमपुर, गोलाघाट, मोरीगांव, जोरहाट, धीमाजी, सिवसागर, कोकराझार, बारपेटा, बोंगैगांव, नागांव, धुबरी, डिब्रूगढ़ और चिरांग जिलों के इलाके भी पिछले कुछ दिनों से जलमग्न हैं।

81 राहत शिविर लगाए
एएसडीएमए के एक अधिकारी ने कहा कि रविवार तक 14 जिलों के 1206 गांवों में 641043 लोग मौजूदा बाढ़ से प्रभावित रहे। संबंधित जिला प्रशासन ने बाढग़्रस्त जिलों में 21931 बाढ़ पीडि़तों के रहने के लिए 81 राहत शिविर स्थापित किए हैं। लखीमपुर जिले में बाढ़ के कारण रविवार को एक व्यक्ति की मौत हो गई। इसके पहले शनिवार को एक मौत लखीमपुर और एक मौत मोरीगांव में बाढ़ के कारण हुई थी।

चारो तरफ पानी ही पानी
इनलैंड वाटर रिसोर्सेस (आईडब्ल्यूआर) विभाग के सूत्रों ने कहा कि धाला से सादिया के बीच, नीमतीघाट से माजुली के बीच नौका सेवा निलंबित कर दी गई है, क्योंकि ब्रह्मपुत्र नदी में कई स्थानों पर जलस्तर बढ़ गया है। बाढ़ के कारण जहां तिनसुकिया जिले में डिब्रूगढ़-चैखोवा राष्ट्रीय उद्यान जलमग्न हो गया है, वहीं पबितरा वन्यजीव अभ्यारण्य और काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान भी बाढ़ के कारण आंशिक तौर पर जलमग्न हो गया है। बाढग़्रस्त जिलों में मकान, पुल और कई संपर्क मार्ग क्षतिग्रस्त हो गए हैं और पूरे राज्य में कई स्थानों पर तटबंध टूट गए हैं।

अरुणाचल में भी बाढ़ से हालात गंभी
अरुणाचल प्रदेश में भी बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। जल संसाधन विभाग की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि यहां पर नमसाई जिले में सेना ने मोर्चा संभाल लिया है। नाओ-डेहिंग नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जिसकी वजह से सैंकड़ों गांव डूब गये हैं। सेना के जवान अब तक 100 से ज्‍यादा परिवारों को सुरक्षित स्‍थानों तक पहुंचा चुके हैं। प्रदेश में लोहित, कामलांग, टेंगापानी नदियां उफान पर हैं।

उत्तर-पश्चिम भारत में हो सकती है भारी बारिश
मौसम विभाग की मानें तो अगले कुछ दिनों में उत्तर-पश्चिम भारत में भारी बारिश हो सकती है। इसका सबसे ज्यादा असर हिमाचल और उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्यों में देखने को मिल सकता है। मौसम विभाग के अनुसार, 25 जुलाई से 27 जुलाई के दौरान उत्तराखंड और हिमाचल के ज्यादातर इलाकों में झमाझम बारिश की संभावना है। इसी दौरान 26 तारीख से उत्तर भारत में एक वेस्टर्न डिस्टर्बेंस भी दाखिल होने जा रहा है। जिस कारण मानसून और वेस्टर्न डिस्टर्बेंस में टकराव हो सकता है और इससे हिमालयी क्षेत्रों में अतिवृष्टि की प्रबल आशंका है।

उत्तराखंड में बाढ़ से परेशान
उत्तराखंड के गढ़वाल और कुमाऊं मंडलों में भारी बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने स्थानीय प्रशासन को पूरी तरह से मुस्तैद रहने को कहा है। वहीं हिमालचल में मौसम विभाग ने कुछ इसी तरह की चेतावनी दी है। जबकि जम्मू-कश्मीर में 26 और 27 जुलाई को कुछ जगहों पर भारी से बहुत भारी बारिश की आशंका जताई है। वेस्टर्न डिस्टर्बेंस और मानसून में टकराव की आशंका के चलते राज्य में ऑरेंज वॉर्निंग जारी की गई है।

ट्रेंडिंग वीडियो