नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय सेना में सहायक व्यवस्था और जवानों को दिए जाने वाले भोजन से जुड़ी समस्याओं का समाधान करने के लिए एक समुचित प्रणाली पर काम कर रहा है। सेना में सहायक व्यवस्था और सुरक्षा बलों में जवानों के भोजन संबंधी वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मचे बवाल के बीच रक्षा मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने रविवार को कहा कि इस मामले का संज्ञान लिया गया है।
उन्होंने कहा कि सेना बहुत बड़ी संस्था है और इसमें हजारों यूनिट हैं। इस तरह के संकेत मिले हैं कि खाने की गुणवत्ता को लेकर इतनी समस्या नहीं है, बल्कि ज्यादा समस्या खाना पकाने से जुड़ी है। इन सब मामलों पर ध्यान देने के लिए एक व्यवस्था बनाई जा रही है। सेना में सहायक व्यवस्था के बारे में उन्होंने कहा कि जवानों की बहुत बड़ी संख्या है और यदि इस तरह की समस्याएं हैं तो उनके बारे में विचार किया जाएगा।
सेना के लांस नायक यज्ञ प्रताप ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी करके सेना में सहायक व्यवस्था से परेशानी की व्यथा सार्वजनिक की थी। सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने जवानों से कहा है कि उनकी समस्याओं और शिकायतों के समाधान के लिए निर्धारित प्रक्रिया है और वे सोशल मीडिया के बजाय निर्धारित तरीके से अपनी शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों को बताएं और यदि इनका समाधान नहीं होता तो वे सीधे उनके पास अपनी शिकायत भेज सकते हैं।
अब बिना इजाजत के सोशल मीडिया पर फोटो, वीडियो नहीं डाल पाएंगे जवान
गृह मंत्रालय ने अर्धसैनिक बलों के सोशल मीडिया पर बिना इजाजत के तस्वीर और वीडियो शेयर करने पर पाबंदी लगा दी है। अब सेना के जवानों को फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सअप आदि फ्लेटफॉर्म पर किसी भी आधिकारिक तस्वीर और वीडियो को डालने से पहले अपनी टुकड़ी के डायरेक्टर जनरल से इजाजत लेनी होगी। हालांकि, जवानों के निजी पोस्ट पर कोई पाबंदी नहीं लगाई गई है।
गौरतलब है कि सरकार ने यह कदम बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव के वीडियो सामने आने के बाद उठाया है। वीडियो में उन्होंने घटिया खाने की शिकायत और अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। गृह मंत्रालय ने 7 केंद्रीय अर्धसैनिक बल के डायरेक्टर जनरल को इस बाबत गाइडलाइंस जारी कर दी गई हैं। इसमें सेवा नियमों को सख्ती से लागू कराने का निर्देश दिया गया है।
गृह मंत्रालय के इस कदम के बाद अब सेना के जवान आधिकारिक मामलों के बारे में सोशल मीडिया पर निजी मत नहीं साझा कर पाएंगे। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने कहा,’हमारी सरकार जवानों की समस्याओं के निस्तारण के लिए प्रतिबद्ध है। सेना के अनुशासन में कोई गिरावट न आए इसके लिए गाइडलाइंस जारी की गई है। गाइडलाइंस में इस बात का भी जिक्र है कि अगर किसी सैनिक की कोई शिकायत है तो वह ई-लेटर्स के जरिए कंप्लेन कर सकेगा और इसपर तत्काल सुनवाई के साथ ही इसका निस्तारण सुनिश्चित किया जाएगा।
सोशल मीडिया पर वीडियो डालने के मामले को गंभीरता से लेते हुए उन्होंने कहा कि यह अपराध की श्रेणी में आ सकता है और ऐसा करने वाले के खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है।
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