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कोच्चि में बनेगा पहला ट्रांसजेंडर आवासीय स्कूल

Published: Dec 06, 2016 01:16:00 pm

Submitted by:

राहुल

भारत के विविधता भरे समाज में ट्रांसजेंडर समुदाय हमेशा
से ही पक्षपात और अलग अलग तरह की परेशानियों का अनुभव करता हुआ आया है। ये
समाज देश की मुख्यधारा में समानता के लिए वर्षों से अपनी लड़ाई लड़ रहा है..

 A Residential School For Transgenders In Kerala

A Residential School For Transgenders In Kerala

भारत के विविधता भरे समाज में ट्रांसजेंडर समुदाय हमेशा से ही पक्षपात और अलग अलग तरह की परेशानियों का अनुभव करता हुआ आया है। ये समाज देश की मुख्यधारा में समानता के लिए वर्षों से अपनी लड़ाई लड़ रहा है। ट्रांसजेंडर समाज के कई लोग बचपन से शिक्षा से महरूम रहते हैं लेकिन अब कोई है जो शिक्षा से इनकी मेह्रूमियत को दूर करने के प्रयत्नशील है।

ट्रांसजेंडर और समाजसेविका विजया राजा मल्लिका ने ट्रांसजेंडरों के जीवनस्तर को उठाने के लिए एक ऐसा स्कूल खोलने की योजना बनाई है जिसमें पढ़ाई छोड़ चुके ट्रांसजेंडर फिर से पढ़ सकेंगे।कोच्चि में बनाया जा रहा यह स्कूल ट्रांसजेंडर्स को कक्षा 10 तक की पढ़ाई पूरी करने में मदद करेगा। इस स्कूल में आईटी और अन्य कौशल विकास के कार्यक्रमों को भी शामिल किया जाएगा। अगर इस स्कूल को बनाने में सफलता मिल जाती है तो यह भारत का पहला ट्रांसजेंडर आवासीय स्कूल होगा।

G.N.N.S. DIC in Ramagundamकोच्चि में बनाया जा रहा यह स्कूल ट्रांसजेंडर्स को कक्षा 10 तक की पढ़ाई पूरी करने में मदद करेगा। इस स्कूल में आईटी और अन्य कौशल विकास के कार्यक्रमों को भी शामिल किया जाएगा। अगर इस स्कूल को बनाने में सफलता मिल जाती है तो यह भारत का पहला ट्रांसजेंडर आवासीय स्कूल होगा।

विजया राजा मल्लिका कहती हैं कि कुछ संगठन जो कोच्चि से भी है, ट्रांसजेंडर को नौकरी का अवसर दिया पर ये अवसर ट्रांसजेंडरों के शिक्षित ना होने के कारण एक चुनौती बन गया। इस परेशानी को देखते हुए इस स्कूल को खोलने की योजना बनाई है। लेकिन अभी इस स्कूल के सामने आवासीय होने के कारण सुरक्षा और धन के मामले में रूकावट आ रही हैं। इस स्कूल के निर्माण के बाद शुरूआती तौर पर पहले 15 ट्रांसजेंडर को दाखिल दिया जाएगा।

विजया कहती हैं कि हम आवासीय क्षेत्र कोच्चि में देख रहे हैं। 2016 के बजट में राज्य को ट्रांसजेंडरों के कल्याण के लिए 10 करोड़ का धन आवंटित किया गया है और 58 एनजीओ इस योजना के लिए पहले से ही अपने प्रस्ताव जमा कर चुके हैं। हम सरकार से यह उम्मीद करते हैं कि वह हमारी वित्तीय मदद करेगी। हम खुद़ से और जनता की मदद से भी पैसे जुटाने के तरीकों पर काम कर रहे हैं।

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