नई दिल्ली।
पंजाब के गुरदासपुर में
आंतकी हमलों को अंजाम देने के लिए आतंककारियों के
रावी नदी को पार कर भारत में आने की खबरों के बाद सरकार नदी मार्गों को सील करने का विचार कर रही है। सरकार का मानना है कि पंजाब की सीमा से नदी के रास्ते घुसपैठ को रोकने के लिए सुरक्षा पर और निवेश की जरूरत है।
इसके लिए आधुनिक तकनीकी उपकरणों का सहारा लिया जाना चाहिए। नदी तट पर कैमरे लगाए जाने और खाली जगहों पर लेजर वॉल बनाने की योजना है। उल्लेखनीय है कि अभी जम्मू-कश्मीर की सीमा से लगती नदियों पर ही कड़ी निगरानी रखी जाती है। पंजाब में अपेक्षाकृत कम निगरानी है।
इससे पहले गुरदासपुर के दीनानगर थाने में आतंक फैलाने वाले आतंकवादियों को मारने के लिए पहुंची पुलिस टीम की कमान संभालने वाले डीजीपी सुमेध सिंह सैनी ने कहा था कि ये आतंकी भारी तबाही मचाने की योजना बनाकर पंजाब में घुसे थे।
उन्होंने बताया कि आतंकियों का संबंध लश्कर ए तैयबा से था। जीपीएस की जांच करने पर पता चला है कि आतंकी पाकिस्तान के शकरगढ़ इलाके से आए थे। उन्होंने बताया कि आतंकियों का मकसद दीनानगर व अन्य इलाकों में भारी तबाही मचाना था। उनसे जो हथियार मिले हैं उससे स्पष्ट होता है कि वह इसे पाकिस्तान से लेकर आए थे। इसके बारे में पुलिस व खुफिया एजेंसी जांच कर रही है कि इन आतंकियों का कनेक्शन कहां से था।