विधेयक में सिर्फ परिवार के नजदीकी संबंधियों को सरोगेसी के लिए वैध माना गया है और यह पूरी तरह से आज के सरोकारों के अनुकूल नहीं है
नई दिल्ली। कांग्रेस ने किराए की कोख संबंधी नए विधेयक को पाषाणकालीन सोच करार देते हुए सरकार से इस पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने शुक्रवार को पार्टी की नियमित प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि इस विधेयक को लेकर राजनीतिक स्तर पर विचार विमर्श नहीं हुआ है, इसलिए इसमें व्यापकता नहीं है और इसका खाका 2016 की सोच के अनुरूप तैयार नहीं किया जा सका है।
उन्होंने कहा कि विधेयक में प्रतिबंधित सोच है और इसमें प्रवासी भारतीय तथा विदेशियों के लिए एक ही जैसी व्यवस्था की गई है। विधेयक में सिर्फ परिवार के नजदीकी संबंधियों को सरोगेसी के लिए वैध माना गया है और यह पूरी तरह से आज के सरोकारों के अनुकूल नहीं है इसलिए सरकार को इस विधेयक पर पुनर्विचार करके इसमें व्यापक स्तर पर बदलाव करना चाहिए।
प्रवक्ता ने कहा कि सरोगेसी विधेयक 2016 की तुलना में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार द्वारा 2010 में तैयार किया गया विधेयक अधिक व्यापक और सरोकारों के अनुकूल था। उस विधेयक में प्रतिबंधित करने वाली सोच नहीं थी और सुरक्षा चक्र ज्यादा मजबूत था।