कई राज्यों की सरकारें इस बात के पक्ष में हैं कि प्रदर्शन के आधार पर काम का मूल्यांकन कर पुराने कर्मचारियों को रिटायरमेंट दे दिए जाने से रिक्त पदों पर युवाओं को ज्यादा से ज्यादा नौकरियां मिल सकेंगी।
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नई दिल्ली. देश भर के राज्यों में रिटायरमेंट की उम्र घटाने पर विचार हो रहा है। कई राज्यों की सरकारें इस बात के पक्ष में हैं कि प्रदर्शन के आधार पर काम का मूल्यांकन कर पुराने कर्मचारियों को रिटायरमेंट दे दिए जाने से रिक्त पदों पर युवाओं को ज्यादा से ज्यादा नौकरियां मिल सकेंगी। उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के बाद अब पंजाब समेत कई और राज्य भी 58 साल रिटायरमेंट की उम्र करने पर विचार कर रहे हैं। पंजाब में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की सरकार भी पिछली सरकार की ओर से रिटायरमेंट की उम्र 58 से 60 किए जाने के फैसले पर पुनर्विचार कर रही है।
श्रम ब्यूरो के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, पंजाब में 2015 में बेरोजगारी की दर 6 फीसदी रही थी। राज्य में 4,29,883 सरकारी कर्मी हैं, जिन्हें वेतन और पेंशन के रूप में सालाना 31,000 करोड़ का भुगतान होता है। कई वर्षों से पंजाब में नौकरियों की काफी कमी देखी जा रही है।
उत्तराखंड-यूपी में 50 पार कर्मियों के काम की समीक्षा शुरू
उत्तराखंड के मुख्य सचिव एस रामास्वामी ने सभी विभागों को 50 साल के पार वाले कर्मचारियों के कामकाज की समीक्षा करने के आदेश दिए हैं। वहीं यूपी में योगी आदित्यनाथ सरकार ने भी 50 साल की उम्र से ज्यादा वाले कर्मचारियों के कामकाज की समीक्षा के आदेश दिए हैं। सरकार खराब प्रदर्शन करने वाले ऐसे कर्मचारियों को अनिवार्य रिटायरमेंट की योजना पर भी विचार कर रही है। वहीं आंकड़ों के मुताबिक, हर साल तकरीबन 1.2 करोड़ लोग श्रम बल में जुड़ते हैं। जबकि नौकरियों के अवसर कम हो रहे हैं। कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री के मुताबिक, 2011-12 और 2015-16 के बीच हर साल 30.65 करोड़ नौकरियों के अवसर पैदा हुए।