2 संचार कंपनियों पर शिकंजा, ट्राई इसी हफ्ते जारी करेगा परिपत्र, निजी दूरसंचार कंपनियों ने तर्कः कॉल ड्रॉप अवश्य होती है लेकिन ग्राहकों को आर्थिक नुकसान नहीं होता
नई दिल्ली। तेजी से बढ़ती
कॉल ड्राप की समस्या से उपभोक्ताओं को निजात देने के लिए सरकार ठोस कदम उठाने जा रही है। सरकार प्रत्येक कॉल ड्रॉप पर संचार कंपनियों से ग्राहकों को एक से पांच रूपए तक भुगतान करने को कह सकती है। इस संबंध में भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) इसी हफ्ते परिपत्र जारी करेगा। निजी दूरसंचार कंपनियों ने तर्क दिया है कि कॉल ड्रॉप अवश्य होती है लेकिन ग्राहकों को आर्थिक नुकसान नहीं होता है।
कॉल ड्रॉप का मुद्दा तब बहस का विषय बना जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर चिंता जताई थी। मोदी ने दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद से कहा था कि इस समस्या को दूर करने के लिए जल्द ठोस कदम उठाए जाएं। केंद्र ने विशेषकर मेट्रो शहरों में कॉल ड्रॉप को गंभीर समस्या माना है। दिल्ली के कुछ इलाकों में यह अधिक भयावह हो गई है। मुंबई जैसे मेट्रो व छोटे कस्बों में भी यह समस्या तेजी से बढ़ी है।
डिस्काउंट दे या बिल में करें समायोजनट्राई दूरसंचार कंपनियों को इस संबंध में सुझाव दे सकता है कि वह छूट (डिस्काउंट) के जरिए प्री-पेड ग्राहकों को और बिल में समायोजन कर पोस्ट-पेड ग्राहकों को कॉल ड्रॉप की भरपाई करे। हालांकि ऑपरेटर पहले ही कह चुके हैं कि वे इस तरह की कटौती के खिलाफ हैं।