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पेड़ों से सील होगी भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा!

शिफ्टिंग सेंड ड्यून्स से निजात पाने को बनाई योजना, 3 करोड़ की लागत से होगा धोरों पर पौधरोपण

Nov 08, 2016 / 09:22 am

सुनील शर्मा

Pakistan

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जैसलमेर। पाकिस्तान से सटी जैसलमेर जिले की 470 किलोमीटर लम्बी अंतरराष्ट्रीय सीमा को पूरी तरह सील करने के लिए शाहगढ़ बल्ज के 32.5 किमी क्षेत्र की समस्या के समाधान का प्रस्ताव तैयार हुआ है। दशकों पुरानी यह समस्या है शिफ्टिंग सेंड ड्यू्न्स की।

यहां 30 से लेकर 80 फीट ऊंचे रेत के टीले हैं। ये टीले स्थिर नहीं हैं और हवा के दबाव से इन टीलों की रेत इधर-उधर होकर तारबंदी को छिपा लेती है। इससे इलाके से हमेशा घुसपैठ की आशंका रहती है।

पिछले महीने जैसलमेर आए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने 2018 तक करीब 3323 किमी लम्बी भारत-पाक बॉर्डर सील करने करने की बात कही थी। इसमें से पश्चिमी राजस्थान से सटी लगभग 1037 किमी लम्बी सरहद तारबंदी के जरिए पहले ही सील है। इस क्षेत्र में चुनौती केवल शिफ्टिंग सेंड ड्यून्स वाले इलाके की है।

3 करोड़ का प्रोजक्ट
शाहगढ़ बल्ज क्षेत्र में शिफ्टिंग सेंड ड्यून्स से निजात के लिए वन विभाग के डीडीपी खंड ने सघन वृक्षारोपण का पायलट प्रोजेक्ट तैयार किया है। इसमें प्रायोगिक तौर पर 25 हैक्टेयर क्षेत्र में विभिन्न प्रजातियों के पेड़ लगाने का प्रस्ताव है। एक वर्ष में स्थानीय प्रजातियों के वृक्ष एवं कांटेदार पेड़ लगा टीबों के स्थिरीकरण का प्रयास किया जाएगा।

नहरी क्षेत्र में भी हुआ था प्रयोग
वन विभाग को पेड़ लगा शाहगढ़ बल्ज के सीमा क्षेत्र में टीबों के स्थिरीकरण की प्रेरणा इंदिरा गांधी नहर परियोजना के अंतर्गत ऐसे प्रयोग की सफलता से मिली है। मरुस्थलीय क्षेत्र में नहर निर्माण के समय दोनों तरफ रेत के ऊंचे टीलों से मिट्टी उड़कर नहरों में आने की समस्या सामने आई थी। तब विशेषज्ञों ने वृक्षों की कतार खड़ी करवाई, जिससे टीबों का स्थिरीकरण हुआ।

अब आगे क्या?
सीमा सुरक्षा बल के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि वन विभाग के पायलट प्रोजेक्ट के विषय में सीपीडब्ल्यूडी की ओर से सर्वे प्रारंभ कर दिया गया है।
सर्वे के बाद सीपीडब्ल्यूडी इस कार्य का तकमीना बनाकर देगा, जिसे केन्द्र को भिजवा शाहगढ़ बल्ज क्षेत्र में सघन वृक्षारोपण की मंजूरी मांगी जाएगी।

470 किमी. लम्बी है जैसलमेर की पाक से सटी अंतरराष्ट्रीय सीमा
32.5 किमी. क्षेत्रफल है शिफ्टिंग सेंडड्यून्स का
25 हैक्टेयर में पेड़ लगाने का पायलट प्रोजेक्ट
01 वर्ष में पूर्ण करवाया जाएगा प्रोजेक्ट
03 करोड़ की प्रस्तावित है धोरों पर पेड़ लगाने की योजना

शिफ्टिंग सेंड ड्यून्स की वजह से सीमा पर तारबंदी संबंधी दिक्कतों के निवारण के लिए सघन वृक्षारोपण का पायलट प्रोजेक्ट तैयार कर सीमा सुरक्षा बल को सौंपा जा चुका है। प्रारंभिक तौर पर 25 हैक्टेयर क्षेत्र में पेड़ लगाए जाएंगे। प्रयोग सफल रहने पर यह कार्य समूचे संबंधित क्षेत्र में किया जा सकता है।
– ख्याति माथुर, उप वन संरक्षक, डीडीपी, जैसलमेर

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