scriptहार्दिक को मिली राहत, नहीं चलेगा ‘सरकार के खिलाफ जंग छेड़ने’ का मुकदमा | Hardik Patel to be tried for sedition not treason- Court | Patrika News

हार्दिक को मिली राहत, नहीं चलेगा ‘सरकार के खिलाफ जंग छेड़ने’ का मुकदमा

Published: Dec 01, 2015 11:52:00 pm

हार्दिक और उनके पांच अन्य सहयोगियों के खिलाफ देशद्रोह के आरोपों और सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के आरोपों के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी।

hardik patel supreme court decision

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अहमदाबाद। गुजरात में पटेल आंदोलन के अगुआ हार्दिक पटेल को हाई कोर्ट से थोड़ी राहत मिली है। गुजरात हाईकोर्ट ने मंगलवार को हार्दिक और उनके पांच सहयोगियों के खिलाफ लगाए गए ‘सरकार के खिलाफ जंग छेड़ने ‘ के आरोप को रद्द कर दिया। हालांकि, अभी उनके खिलाफ कठोर देशद्रोह के उपबंध को बरकरार रखा गया है।

जस्टि‍स जेबी पार्दीवाला ने दलीलें सुनने के बाद हार्दिक और उनके सहयोगियों के खिलाफ प्राथमिकी में आईपीसी की तीन धाराओं- धारा 121 (सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने), 153ए (विभिन्न समुदायों के बीच रंजिश बढ़ाने) और 153बी (राष्ट्रीय अखंडता के प्रतिकूल टिप्पणी) को हटाने का आदेश दिया।

हालांकि, अदालत ने आईपीसी की धारा 124 (देशद्रोह) और 121ए (सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने ) संबंधी धाराओं को हटाने से इनकार कर दिया, जिसके तहत उम्रकैद या 10 साल तक की सजा है।

गौरतलब है‍ कि अक्टूबर में सिटी अपराध शाखा ने 22 वर्षीय हार्दिक और उनके पांच अन्य सहयोगियों के खिलाफ देशद्रोह के आरोपों और सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के आरोपों के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी। बाद में हार्दिक, चिराग पटेल, दिनेश बंभानिया और केतन पटेल को गिरफ्तार किया गया। वे अभी सलाखों के पीछे हैं।

हार्दिक के दो अन्य सहयोगी अमरीश पटेल और अल्पेश कथीरिया को गिरफ्तार नहीं किया गया है, क्योंकि हाई कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत दी थी। एक अन्य घटनाक्रम में हाई कोर्ट ने मंगलवार को गिरफ्तारी से राहत देते हुए उनकी अंतरिम राहत 15 दिन के लिए बढ़ा दी।

अक्‍टूबर में अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने 22 साल के हार्दिक और उनके पांच नजदीकियों के खिलाफ राजद्रोह और सरकार के खिलाफ जंग छेडऩे से जुड़ी कई धाराओं में एफआईआर दर्ज की थी। इसके बाद, हार्दिक, चिराग पटेल, दिनेश बंभानिया, केतन पटेल को अरेस्‍ट कर लिया गया। सूरत पुलिस की ओर से मामला दर्ज किए जाने के बाद हार्दिक पर राजद्रोह का एक और मामला दर्ज हुआ था।
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