हरियाणाः अब बेटियों के नाम से होगी घर की पहचान
Published: Jul 06, 2015 01:02:00 pm
अब घरों के बाहर पुरूष प्रधान की नेम प्लेट नजर नहीं आएगी, बल्कि अब उनकी जगह उनके घरों की बेटियों के नाम से नेम प्लेट लगी होगी
जींद। अब बेटियों के नाम से घर की पहचान होगी। अब घरों के बाहर पुरूष प्रधान की नेम प्लेट नजर नहीं आएगी बल्कि अब उनकी जगह उनके घरों की बेटियों के नाम से नेम प्लेट लगी होगी। यह मुहिम शुरू की है जींद की बीबीपुर पंचायत ने। पंचायत ने गांव में एक कार्यक्रम किया, जिसमें सैंकड़ों महिलाओं व पुरूषों ने हिस्सा लिया।
डिजिटल इंडिया विद लाडो अभियान की शुरूआत
बेटी बचाओ-सेल्फी बनाओ कॉटेस्ट के बाद पीएम मोदी से वाहवाही लूटने के बाद देश की पहली डिजिटल पंचायत बीबीपुर से डिजिटल इंडिया विद लाडो अभियान की शुरूआत की। गांव के सरपंच सुनील जागलान गांव के 30 घरों के मेन गेट पर बेटियों के नामकरण की प्लेट लगाकर इसकी शुरूआत की। बीबीपुर पंचायत के सरपंच ने खुद अपने घर की नेम प्लेट हटाकर उसकी जगह अपनी बेटी के नाम से नेम प्लेट लगाकर इस अभियान की शुरूआत की।
हर घर में लगेगी बेटियों की नेम प्लेट
इस अभियान के तहत बीबीपुर पंचायत के नुमाइंदे जींद के हर घर तक पहुंचेंगे। हर घर के मुखिया व सदस्यों को विश्वास में लेंगे। उन्हें समझाऎंगे कि नारी का सम्मान ही घर की असली शोभा है। इसलिए आप सब अपने घरों के दरवाजों पर अपनी नेम प्लेट की बजाय अपनी लाड़ली के नाम पर नेम प्लेट लगाए। लड़कियों के सम्मान के लिए विभिन्न तरह के अनोखे कार्यक्रम करने वाली जींद की बीबीपुर पंचायत फिर चर्चा है। आज पंचायत ने नारी के सम्मान के लिए एक नए अनोखे कार्यक्रम की शुरूआत की।
पंचायत वहन करेगी नेम प्लेट का खर्चा
पंचायत के नुमाइंदो ने गांव के 30 घरों के मेन गेट पर बेटियों के नामकरण की प्लेट लगाई। बेटियों के नाम के साथ नेम प्लेट के उपर ई-मेल और इसके साथ नेम प्लेट पर डिजिटल इंडिया विद लाडो भी लिखा है। सरपंच का कहना है कि वे चाहते है कि हर घर के बाहर घर के मुखिया का नाम नहीं बल्कि घर की लाडो का नाम हो। इसको लेकर यह मुहिम शुरू की गई है। वे इस मुहिम को हर घर तक लेकर जाऎंगे और उनका पूरा प्रयास होगा कि पहले चरण में बीबीपुर के हर घर के बाहर उनकी बेटी के नाम से नेम प्लेट लगाई जाए। नेम प्लेट लगाने का खर्चा खुद पंचायत वहन करेगी।
इस कार्यक्रम में एक कहानी प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया, जिसमें गांव की महिलाओं और लड़कियों से मोबाइल से जुडी ऎसी सच्ची घटना लिख कर मांगी गई, जिस घटना ने उनकी जिंदगी बदल दी हो। पंचायत ने ऎसी तीन महिलाओं को 25,15 और 10 हजार रूपए इनाम देकर सम्मानित किया गया।