वो गिटार बजाता रहा, डॉक्टर उसके दिमाग की नस जलाते रहे
बेंगलुरु में 32 वर्षीय युवक ने गिटार बजाते-बजाते अपनी सर्जरी करा ली। न्यूरोलॉजिकल डिस्ऑर्डर से पीड़ित इस युवक का जब ऑपरेशन चल रहा था तो वह गिटार बजाने में मशगूल था।
नई दिल्ली: एक ओर सामान्य सी सर्जरी के लिए जहां डॉक्टर्स पेशेंट को बेहोश करने के लिए एनसथीसिया आदि का प्रयोग करते हैं, वहीं ब्रेन सर्जरी का एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है। बेंगलुरु में 32 वर्षीय युवक ने गिटार बजाते-बजाते अपनी सर्जरी करा ली। न्यूरोलॉजिकल डिस्ऑर्डर से पीड़ित इस युवक का जब ऑपरेशन चल रहा था तो वह गिटार बजाने में मशगूल था। पिछले हफ्ते सिटी हॉस्पिटल में 7 घंटे की सर्जरी के बाद युवा म्यूजिशियन को काफी आराम है। गिटार बजाते समय युवक की उंगलियों में बेहद दर्द होता था।
ऑपरेशन का यह अनोखा मामला
दरअसल, राकेश (काल्पनिक नाम) को करीब डेढ़ साल इस बीमारी का तब पता चला जब एक दिन गिटार बजाते हुए उसकी उंगलियों में तेज दर्द हुआ। दिमाग की मासपेशियों में गड़बड़ी की वजह से युवक को इस तरह की दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था। ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर जिस समय उसके दिमाग की अतिरिक्त मासपेशियों को जला रहे थे, उस समय तुषार लगातार गिटार बजा रहा था ताकि समस्या वाली जगह का जल्दी पता चल सके। असल में उसके गिटार बजाने से डॉक्टर्स को परेशानी वाली जगह का पता लगान में मदद मिल रही थी। ब्रिटिश कोलम्बिया यूनिवर्सिटी के सीनियर न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. संजीव सीसी ने बताया कि उसे समस्या उस समय आती थी जब वह गिटार बजाता था, ऐसे में हमारे लिए प्रॉब्लम और उसकी सही जगह समझना बेहद जरूरी था।
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इस तरह होती है सर्जरी
जैन इंस्टिट्यूट ऑफ मूवमेंट डिस्ऑर्डर ऐंड स्टीरियोटैक्टिक न्यूरोसर्जन डॉ. शरन श्रीनिवासन के अनुसार यह एक ऐसी सर्जरी है, जिसमें दिमाग में परेशानी वाली मासपेशियों को जलाकर खत्म किया जाता है। ऑपरेशन से पहले युवक के दिमाग में चार खास तरह के फ्रेम फिट किए गए थे। जबकि युवक के एमआरआई के बाद आई तस्वीरों में टारगेट एरिया फिक्स किया गया। कॉडिनेट्स के मुताबिक ऑपरेशन के दौरान युवक के सिर में 14 एमएम का छेद किया गया था, जिसमें खास तरह की इलेक्ट्रॉड पास कराई गई और उसके बाद आगे का ऑपरेशन किया गया।