सैयद सलाउद्दीन ने पाकिस्तान सरकार से कहा है कि वो कश्मीरियों की स्वतंत्रता के लिए ‘सैन्य समर्थन’ प्रदान करे जिससे वो अपने नापाक मकसदों को पूरा कर सके…
नई दिल्ली। आतंकी संगठन यूनाइटेड जिहाद काउंसिल (यूजेसी) के सरगना और भारत में हाल में हुए कई आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड सैयद सलाउद्दीन ने एक बार फिर भारत के खिलाफ जहर उगलते हुए पाकिस्तान सरकार से कहा है कि वो कश्मीरियों की स्वतंत्रता के लिए ‘सैन्य समर्थन’ प्रदान करे जिससे वो अपने नापाक मकसदों को पूरा कर सके।
सलाउद्दीन ने गुरुवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि कश्मीर मसला बातचीत से हल नहीं होने वाला है। पाकिस्तान को कश्मीरियों की सहायता के लिए मुजाहिदीनों को सहायता देनी चाहिए। यदि मुजाहिदीन को मिलट्री सहायता मिलती है तो उससे न केवल कश्मीर में हम सफल होंगे बल्कि उपमहाद्वीप का भी नक्शा बदल जाएगा
भारत के खिलाफ जहर उगलते हुए उसने कहा कि जब विश्व हम पर ध्यान नहीं दे रहा है तो हमारे पास एकमात्र रास्ता बचता है वो सशस्त्र संघर्ष। उसने कश्मीर पुलिस के जवानों को धमकी देते हुए कहा कि उन्हें आर्मी की सहायता करने की बजाय कश्मीर के उपद्रवियों की सहायता करनी चाहिए वरना उन्हें इसका नतीजा भुगतना होगा।
आतंकी सलाउद्दीन ने कहा कि इस्लामाबाद और मुजफ्फराबाद की सरकार को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर जम्मू कश्मीर के मुस्लिमों का मामला उठाना चाहिए।
कौन है सैयद सलाउद्दीन
सैयद सलाउद्दीन 1990 से पहले कश्मीर में कांग्रेस के एक बड़े नेता यूसुफ शाह के नाम से जाना जाता था। 1987 में कश्मीर विधानसभा चुनाव में वह कांग्रेस कैंडिडेट था। अब ये पाकिस्तान में यूनाइडेट जिहाद काउंसिल का सरगना है। अलगाववादी मूवमेंट की वजह से यूसुफ जेल में बंद करा दिया गया था। जब वह जेल से छूटा तो पूरी तरह बदल गया। 5 नवंबर 1990 को यूसुफ शाह सैयद सलाउद्दीन बन गया। वह सीमा पार कर मुजफ्फराबाद पहुंचा और फिर हिजबुल मुजाहिदीन नामक संगठन बनाकर जम्मू-कश्मीर में आंतकवादी गतिविधियां संचालित करने लगा।
एयरबेस हमले की ली थी जिम्मेदारी
पठानकोट एयरबेस स्टेशन पर हमले की जिम्मेदारी यूनाइडेट जिहाद काउन्सिल ने ली है। इसका सरगना सैयद सलाहुद्दीन है। इसमें कई आतंकी संगठन शामिल हैं। इससे पहले खबर आई थी कि जैश-ए-मोहम्मद ने हमले की जिम्मेदारी ली है। वैसे, जैश भी इसी काउन्सिल का हिस्सा है।