scriptब्रिटेन में 5 पाउंड के ‘Non Veg’ नोट पर हिन्दुओं की आपत्ति | Hindu Group protests 'Non-Veg' 5-Pound Note of Britain | Patrika News

ब्रिटेन में 5 पाउंड के ‘Non Veg’ नोट पर हिन्दुओं की आपत्ति

Published: Dec 04, 2016 10:13:00 am

प्लास्टिक का नया नोट जानवरों की चर्बी से बनाया गया। हिन्दू संगठन ने विरोध में अभियान चलाया।

Britain 5 pound note

Britain 5 pound note

लंदन. ब्रिटेन में पांच पाउंड के नए नोट पर एक हिन्दू संगठन ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। यह नोट प्लास्टिक का है। इसमें जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया गया है। अब इसके विरोध में ब्रिटेन का हिंदू फोरम (एचएफबी) उतर आया है। उसने सरकार से इसे वापस लेने की मांग की है।

हिंदुओं के संगठन और मंदिरों के अगुवा ब्रिटेन के हिंदू फोरम (एचएफबी) ने बैंक ऑफ इंग्लैंड से इस नोट को वापस लेने की अपील की है। उसका कहना है कि नए नोट में जानवरों की चर्बी है। प्लास्टिक के इस नोट में जानवर की वसा का प्रयोग किया गया है। एचएफबी संगठन ने कहा कि वह मानती है कि ऐसा जानबूझकर नहीं किया गया बल्कि लापरवाही का नतीजा है। इसके बावजूद नए नोटों को वापस ले लिया जाए। संगठन ने कहा कि जल्द से जल्द नोटों को चर्बीमुक्त बनाया जाए। 

‘जानवरों को तकलीफ पहुंचाना गलत’

एचएफबी के धार्मिक आयुक्त और ब्रिटेन के इस्कान मंदिर के निदेशक श्री गौरीदास ने कहा कि जिस करेंसी को सब साझा और संचित करते हैं उसके लिए जानवरों को तकलीफ पहुंचाना एक बहुत ही गलतकदम है। बता दें कि ब्रिटेन के हिंदू संगठनों का यह समूह लोगों को शाकाहारी होने के नाते इस नोट का बहिष्कार करने को अभियान चला रहा है। शाकाहारी लोग विशेष तौर पर पांच पौंड के इस नोट का विरोध कर रहे हैं।

हस्ताक्षर अभियान शुरू हुआ

इसके विरोध में हस्ताक्षर अभियान शुरू हो चुका है। लगभग एक लाख 26 हजार लोगों ने दस्तखत कर दिए हैं। जब 150,000 हस्ताक्षर हो जाएंगे तो यह याचिका बैंक ऑफ इंग्लैंड को सौंप दी जाएगी। इसके अलावा सोशल मीडिया में भी यह मुद्दा काफी सुर्खियों में है। ब्रिटेन के इतिहास में यह पहली बार नहीं है जब नोट को लेकर विरोध दर्ज किया जा रहा है। जब विंस्टन चर्चिल ने कहा था कि ब्रिटेन की करेंसी में किसी महिला का चित्र नहीं रहेगा। तब भी चर्चिल के इस बयान को लेकर विवाद हुआ था।

असरदार हैं भारतीय

ब्रिटेन में बड़ी संख्या में भारतीय रहते हैं। इनमें बड़ी आबादी हिन्दुओं की है। ऐसे में ब्रिटेन सरकार इस विरोध को नजरअंदाज नहीं कर सकती। हिन्दुओं का कहना है कि मांसाहारी स्रोत का उपयोग पूरी तरह से अस्वीकार्य है। इस देश में हम आपसी मामलों पर इतना समय और प्रयास खर्च करते हैं। हमें एक दूसरे की जरूरतों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए। 
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