scriptमां-बाप से अलग कराने पर हिन्दू पति ले सकता है पत्नी से तलाक- सुप्रीम कोर्ट | Hindu husband can divorce if she wants to separate him from aged parents | Patrika News

मां-बाप से अलग कराने पर हिन्दू पति ले सकता है पत्नी से तलाक- सुप्रीम कोर्ट

Published: Oct 07, 2016 11:31:00 am

जज ने कहा, बूढ़े माता-पिता का ख्याल रखना नैतिक और कानूनी कर्तव्य। 

Supreme court on divorce

Supreme court on divorce

नई दिल्ली. हिन्दू परिवार में यदि कोई पत्नी अपने पति को उसके माता-पिता से अलग करती है या अलग रहने के लिए दबाव बनाती है तो पति इस आधार पर उससे तलाक ले सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने इस बाबत फैसला सुनाया है। पिछले साल अप्रैल में बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने भी ऐसा ही आदेश दिया था।

कर्नाटक के एक कपल के केस की सुनवाई में फैसला सुनाया

जस्टिस अनिल आर दवे और एल नागेश्वर राव ने कर्नाटक के एक कपल के केस की सुनवाई में फैसला सुनाते हुए कहा कि पत्नी शादी के बाद परिवार का हिस्सा बनती है। वो बिना किसी ठोस कारण के पति को उसके माता-पिता से अलग नहीं कर सकती। जस्टिस दवे ने फैसले में लिखा कि बच्चों का माता-पिता से अलग रहना पश्चिमी देशों का चलन है लेकिन यह भारतीय संस्कृति के खिलाफ है। 

कोर्ट ने कहा, भारत में माता-पिता अलग करना सामान्य बात नहीं

यही नहीं, कोर्ट ने कहा कि माता-पिता से अलग होना हिन्दू परिवार में कोई सामान्य बात नहीं है। खासकर तब, जब परिवार में बेटा ही इकलौत कमाने वाला हो। कोर्ट ने कहा कि माता-पिता बेटे को पढ़ाकर लिखाकर काबिल बनाते हैं इसलिए बेटे द्वारा माता-पिता का ख्याल रखना और अच्छी जिंदगी देना नैतिक और कानूनी तौर पर उसका कर्तव्य है। बहरहाल, कोर्ट ने साफ किया कि पत्नी के पास यदि कोई ठोस वजह है तो ही अलग हो सकते हैं।

पत्नी चाहती थी मां-बाप को न मिले तनख्वाह

 कोर्ट ने कर्नाटक के इस जोड़े के तलाक पर फैसला सुनाते हुए अंतिम मुहर लगा दी। सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि पत्नी ने पति को मां-बाप से जबरन अलग कराने के लिए सुसाइड करने तक की कोशिश की। बता दें कि इससे पहले इस केस में हाईकोर्ट भी तलाक पर फैसला सुना चुका है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट में इसे चुनौती दी गई थी। दरअसल, साल 1992 में इस जोड़े की शादी हुई थी। पति बूढ़े माता-पिता की इकलौती औलाद है। वो घर में कमाने वाला भी अकेला है। सुनवाई के दौरान पति ने कहा कि वो तलाक लेना चाहता है क्योंकि पत्नी नहीं चाहती कि उसकी कमाई का हिस्सा माता-पिता को मिले। इस मामले में निचली अदालत में सुनवाई के वक्त पत्नी ने पति पर गलत आरोप भी लगाए थे। उसने कहा था कि पति का घर में काम करने वाली मेड से चक्कर है। हालांकि बात में यह आरोप गलत साबित हुआ था। 
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