वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि आयकर विभाग ने 19 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के कालेधन का पता लगाया है।
नई दिल्ली। वित्त मंत्री
अरुण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि आयकर विभाग ने 19 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के कालेधन का पता लगाया है। उन्होंने कहा कि आयकर विभाग ने इस कालेधन का पता स्विट्जरलैंड के एचएसबीसी बैंक में बैंक खातों के खुलासे को लेकर की गई जांच में लगाया है। यह जानकारी उन्होंने शुक्रवार को संसद में बोलते हुए दी। वित्त मंत्री ने कहा कि खोजी पत्रकारों के अंतरराष्ट्रीय समूह (आईसीआईजे) द्वारा सार्वजनिक की गई जानकारी की जांच के दौरान 700 भारतीयों के बैंक खातों का पता चला। जांच के दौरान पता चला कि इन विदेशी खातों में 11,010 करोड़ से ज्यादा रुपए जमा किए गए थे।
अब तक 72 मामले दर्ज
लोकसभा में जानकारी देते हुए वित्त मंत्री
अरुण जेटली ने कहा कि सरकार ने विदेशों में धन-संपत्ति रखने वाले भारतीय की जांच के लिए अप्रैल 2016 में एक मल्टी एजेंसी ग्रुप (एमएजी) का गठन किया था। इस कमेटी ने जांच कर 31 मामलों में 72 केस दर्ज किए। इन मामलों में ज्यादातर वो लोग शामिल थे जिनके नाम पनामा पेपर लीक में सामने आए थे।
करोड़ों का जुर्माना लगाया
जानकारी देते हुए वित्त मंत्री अरुण ने बताया कि मई 2017 तक करीब 8437 करोड़ रुपयों को टैक्स के दायरे में लाया गया है। उन्होंने बताया कि इस रकम की जानकारी डबल टैक्सेशन एवॉयडेंस कन्वेंशन (डीटीएसी) के तहत सरकार को स्विट्जरलैंड के एचएसबीसी बैंक से मिली थी। इसमें बैंक के 628 भारतीय खाताधारकों की जानकारी थी। उन्होंने बताया कि 162 मामलों में 1287 करोड़ रुपए की पेनल्टी लगाई गई है। जबकि 84 मामलों में 199 क्रिमिनल केस दर्ज किए गए हैं।
शेल कंपनियों पर उनके दोष के आधार पर होगी कार्रवाई: जेटली
वित्त मंत्री
अरुण जेटली ने लोकसभा में प्रश्नकाल में एक सवाल के जवाब में कहा कि कंपनी अधिनियम में शेल कंपनी को परिभाषित नहीं किया गया है। ऐसी कंपनियां जो सक्रिय कारोबार नहीं करतीं हैं और उनमें धन का आदान प्रदान होता है, उन्हें शेल कंपनियां कहा गया है। ऐसी कंपनियों का इस्तेमाल कर चोरी के लिए किया जाता है। जेटली ने कहा कि 12 जुलाई तक के आंकड़ों के अनुसार कुल एक लाख 62 हजार 618 शेल या निष्क्रिय कंपनियों का पंजीकरण रद्द किया गया है। उन्होंने कहा कि इन कंपनियों की जांच की जा रही है। यदि कंपनियों ने कर चोरी की है तो उसकी वसूली की जायेगी। यदि बेनामी संपत्ति जुटाई है तो उसके बारे में भी कानूनन कदम उठाए जाएंगे।